Himachal Pradesh Monsoon: हिमाचल प्रदेश में मानसून की दस्‍तक, 13 साल का रिकॉर्ड टूटा

Monsoon Reaches in Himachal हिमाचल प्रदेश में मानसून समय से पहले दस्‍तक दे दी है। हिमाचल पहुंचा मानसून मौसम विभाग ने मानसून की हिमाचल में पहुंचने की घोषणा कर दी है। वर्ष 2008 के बाद पहला ऐसा मौका है जब मानसून 13 जून को हिमाचल पहुंचा है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 09:57 AM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 03:45 PM (IST)
Himachal Pradesh Monsoon: हिमाचल प्रदेश में मानसून की दस्‍तक, 13 साल का रिकॉर्ड टूटा
हिमाचल प्रदेश में मानसून समय से पहले दस्‍तक दे दी है।

धर्मशाला, जेएनएन। Monsoon Reaches in Himachal, हिमाचल प्रदेश में मानसून समय से पहले दस्‍तक दे दी है। हिमाचल पहुंचा मानसून मौसम विभाग ने मानसून की हिमाचल में पहुंचने की घोषणा कर दी है। वर्ष 2008 के बाद पहला ऐसा मौका है, जब मानसून 13 जून को हिमाचल पहुंचा है। 2008 में नौ जून के आसपास मानसून ने दस्‍तक दी थी। मौसम विशेषज्ञों का कहना है मानसून सामान्‍य से करीब दस दिन पहले प्रदेश में पहुंच गया है। पहले 17 जून को प्रदेश में मानसून पहुंचने की संभावना थी। हिमाचल प्रदेश में दस जून को प्री मानसून दस्‍तक दे चुका है। प्रदेश भर में रोजाना मौसम मेहरबान हो रहा है व झमाझम बारिश हो रही है। मौसम विशेषज्ञों ने रविवार के लिए भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। प्रदेश में नदी नाले उफान पर आने लगे हैं। वहीं तपती गर्मी से भी लोगों को काफी हद तक राहत मिली है। हिमाचल प्रदेश में बारिश के साथ हो रहे तूफान से भारी नुकसान हो रहा है।

तूफान ने बागवानों की उम्मीदों पर फेरा पानी

हिमाचल प्रदेश में तूफान से भारी तबाही मची है। कुमारसैन की विभिन्न पंचायतों में शुक्रवार देर रात आए तूफान ने बागवानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। तूफान से जहां बागवानों की सेब व नाशपाती की फसलों को नुकसान पहुंचा है, वहीं कई घरों की छतें भी उड़ गईं। क्षेत्र की जार, दलान, कुमारसैन, करेवथी, थानेधार, कोटगढ़ और डीब पंचायतों में नुकसान हुआ है। सेब और नाशपाती की फसल पेड़ों से झड़ गई है। क्षेत्र में सेब बागवानी आर्थिकी का मुख्य साधन है। कई परिवार सेब पर ही अपने परिवार का गुजर-बसर करते हैं। बागवानों ने प्रशासन व सरकार से आग्रह किया है कि तूफान से हुए बागवानों की फसलों का शीघ्र आकलन कर उन्हें मुआवजा दिलाया जाए।

एसडीएम कुमारसैन गुंजीत सिंह चीमा ने बताया कि कुमारसैन उपमंडल के 16 मकानों, 22 पशुशालाओं के अलावा बागवानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। राजस्व विभाग के अधिकारियों और फील्ड स्टाफ को शीघ्र नुकसान के आकलन करने के निर्देश दिए गए हैं। जिन लोगों के मकानों की छतें उड़ी हैं उन्हें प्रशासन की ओर से तिरपाल दिए गए हैं।

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