हक के लिए बुलंद की आवाज

जागरण टीम कांगड़ा/ज्वालामुखी हिमाचल पथ परिवहन निगम से सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने हक के ि

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 09:54 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 09:54 PM (IST)
हक के लिए बुलंद की आवाज
हक के लिए बुलंद की आवाज

जागरण टीम, कांगड़ा/ज्वालामुखी : हिमाचल पथ परिवहन निगम से सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने हक के लिए आवाज बुलंद कर दी है। उन्होंने लंबित समस्याओं के समाधान के लिए विधानसभा के मानसून सत्र में उठाने का आग्रह कांगड़ा के विधायक पवन काजल से किया है।

पेंशनर रमेश चंद, उत्तम चंद, चंद्र मनी, सुभाष शर्मा, विनय कुमार, अनुप कुमार, प्रदीप वालिया, विजय वालिया, बृज मोहन, ओम चंद, अशोक वालिया, देश राज, रविद्र सिंह, चुनी लाल, मनोज कुमार, अशोक वालिया ने कहा कि एचआरटीसी के पेंशनर को न तो समय पर पेंशन मिल रही है और न ही पिछले छह महीनों से चिकित्सा भक्तों का भुगतान किया जा रहा है। कोर्ट के आदेश के बावजूद 2015 से कर्मचारियों और पेंशनर को केंद्र व प्रदेश सरकार की ओर से लागू डीए का भुगतान भी नहीं किया जा रहा है। उन्होंने विधानसभा के मानसून सत्र में एचआरटीसी के पेंशनर्स की लंबित मांगों और समस्याओं को समाधान करवाने की मांग की है। विधायक ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों को आश्वस्त किया कि उनकी मांगों और समस्याओं का विधानसभा के मानसून सत्र के प्रश्न काल में उठाकर सरकार से हर संभव सहायता दिलाने का प्रयास किया जाएगा।

वहीं हिमाचल परिवहन सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण मंच का शिष्टमंडल ने प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष चमन पुंडीर के नेतृत्व में ज्वालामुखी के विधायक रमेश धवाला से भेंट की और उन्हें अपने मंच के माध्यम से ज्ञापन सौंपा। इसमें उन्होंने बताया कि वे सभी हिमाचल पथ परिवहन निगम के सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं वह सभी वरिष्ठ नागरिक हैं। निगम द्वारा उन्हें समय पर पेंशन प्रदान नहीं की जाती है यह पेंशन सुविधा सिविल सर्विस रूल 1972 के तहत राज्यपाल की स्वीकृति अनुसार राज्य सरकार द्वारा वर्ष 1995 से हिमाचल पथ परिवहन निगम के कर्मचारियों को प्रदान की गई है। पेंशन के स्थायी समाधान व लंबित 255 करोड रुपये की देनदारियों के भुगतान बारे हम अपने मंच के माध्यम से सरकार व निगम प्रबंधन के साथ वर्ष 2013 से मांग करते आ रहे हैं जब से वर्तमान सरकार सत्ता में आई है। इन साढ़े 3 सालों में मंच के पदाधिकारी लगभग 30 बार मुख्यमंत्री परिवहन मंत्री वित्त सचिव को निगम प्रबंधन के साथ पत्राचार किया गया और व्यक्तिगत रूप से मिलकर भी अपनी समस्याओं से उन्हें अवगत करवाया। लेकिन खाली आश्वासन ही मिलता रहे कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई है। वहीं धवाला ने उन्हें आश्वास्त किया कि उनकी मांगों को सरकार के समक्ष उठाकर हल कराने का प्रयास करेंगे।

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