मुख्यमंत्री के समक्ष बोले कार्यकर्ता, मंत्रियों व विधायकों की कारगुजारी पड़ी भाजपा पर भारी
Himachal Politics News मंडी संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव में विधायकों मंत्रियों निगमों बोर्डों के अध्यक्ष उपाध्यक्षों व संगठन के पदाधिकारियों की कारगुजारी भाजपा पर भारी पड़ी है। समीक्षा बैठक में कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री के समक्ष विधायकों व मंत्रियों की पोल खोली।
हंसराज सैनी, मंडी। मंडी संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव में विधायकों, मंत्रियों, निगमों, बोर्डों के अध्यक्ष, उपाध्यक्षों व संगठन के पदाधिकारियों की कारगुजारी भाजपा पर भारी पड़ी है। समीक्षा बैठक में कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री के समक्ष विधायकों व मंत्रियों की पोल खोली। चुनाव प्रभारी व सहप्रभारी पर प्रचार से नदारद रहने के आरोप जड़े। कार्यकर्ताओं ने कहा कि विधायकों, मंत्रियों व अन्य लोगों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की तरह उपचुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंकी होती तो परिणाम कुछ और होता।
कार्यकर्ताओं ने संगठन के पदाधिकारियों, विधायकों व मंत्रियों पर मुख्यमंत्री को जमीनी हकीकत न बताकर गुमराह करने के आरोप जड़े। मंडल के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि विधायकों व मंत्रियों ने सवर्ण आयोग के गठन को लेकर आवाज बुलंद कर रहे संगठनों के पदाधिकारियों से बातचीत करना उचित नहीं समझा। नतीजतन करीब 13,000 मतदाताओं ने नोटा दबाया। इनमें ज्यादातर भाजपा के वोटर थे। कर्मचारी संगठनों की मांगों को अनसुना किया गया। बोर्डाें निगमों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी अपने अपने बूथों तक ही सीमित रहे। कार्यकर्ताओं के साथ कई नेताओं ने गाली गलौज किया। वरिष्ठ नेताओं का सहयोग लेना विधायकों ने उचित नहीं समझा। सबने अपनी-अपनी डफली अपना-अपना राग अलापा।
गायब थी मंत्रियों, विधायकों के चेहरे की रौनक
समीक्षा बैठक में व उसके बाद भी विधायकों, मंत्रियों के चेहरे की रौनक गायब थी। किसी के मुंह से एक शब्द नहीं निकल रहा था। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विधायकों, मंत्रियों व संगठन के पदाधिकारियों से पूछा कि उन्होंने विकास के मामले में क्या कमी छोड़ी थी? किसी से जवाब देते नहीं बना। मुख्यमंत्री का कहना था कि वह 25 साल से सक्रिय राजनीति में हैं। किसी भी सरकार के समय में विकास कार्य के लिए एक-एक हलके को 100 करोड़ से ज्यादा नहीं मिलता था। उन्होंने हलके को 400 से 500 करोड़ तक की सौगात एक-एक बार में दी है। कुल्लू जिले से बढ़त न मिलने को लेकर मुख्यमंत्री वहां के विधायकों से खफा दिखे और तीनों विधायकों से बढ़त न मिलने का कारण पूछा।