Video: मुसीबत के दौर में सीढ़ी और पेड़ के सहारे नदी पार कर जनता तक पहुंच रहे हिमाचल के यह मंत्री

Minister Ramlal Markandey हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहुल स्‍पीति में बादल फटने के बाद आई बाढ़ ने घाटी में भारी तबाही मचाई है। सब जगह जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉक्टर रामलाल मार्कंडेय एक सप्ताह से ग्रामीणों के बीच में डटे हुए हैं।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 07:11 AM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 12:26 PM (IST)
Video: मुसीबत के दौर में सीढ़ी और पेड़ के सहारे नदी पार कर जनता तक पहुंच रहे हिमाचल के यह मंत्री
तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉक्टर रामलाल मार्कंडेय एक सप्ताह से ग्रामीणों के बीच में डटे हुए हैं।

केलंग, जसवंत ठाकुर। Minister Ramlal Markandey, हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहुल स्‍पीति में बादल फटने के बाद आई बाढ़ ने घाटी में भारी तबाही मचाई है। सब जगह जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉक्टर रामलाल मार्कंडेय एक सप्ताह से ग्रामीणों के बीच में डटे हुए हैं। मंत्री जान जोखिम में डालकर दूर दराज के गांव पहुंच रहे हैं और उनका हाल जान रहे हैं। सोमवार को कैबिनेट मंत्री ने जान जोखिम में डाल कर लाहुल के बाढ से प्रभावित हुए चोखंग, गवाडी, नैनगार गांव का दौरा किया और नुकसान का जायजा लिया। बाढ़ के कारण सड़क व फसल का बहुत नुकसान हुआ है। पानी की कूहल भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई हैं। मार्कंडेय ने अधिकारियों को नुकसान का आकलन करने के निर्देश  दिए हैं। उन्‍होंने कहा किसानों को विश्वास दिलाता हूं कि सभी को हरसंभव सहायता दी जाएगी और इस संकट की घड़ी में किसानों के साथ खड़ा रहूंगा।

हिमाचल लाहुल में बादल फटने व बाढ़ से भारी नुकसान हुआ।आपदा के बाद स्थानीय MLA व राज्य के तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ रामलाल मार्कंडेय ने जान जोखिम में डाल टीम संग मौका मुआयना किया और जनता का हाल जाना।@JagranNews @mygovhimachal @DrMarkanda #HimachalCloudbursthttps://t.co/uzQCQOj2Gt pic.twitter.com/pmWSkuHSgw— amit singh (@Join_AmitSingh) August 4, 2021

हालात ऐसे बन गए थे कि हर कदम पर जोखिम था। गत मंगलवार को छोटा दड़ा नाले की बाढ़ को पार किया तो लगा कि यहीं जोखिम है आगे राहत मिलेगी, लेकिन लोगों के बाढ़ में बह जाने के समाचार ने हिला कर रख दिया। चारों तरफ आई त्रासदी से मन विचलित हो उठा। शवों की तलाश के बाद आगे बढ़ा तो शांशा पुल क्षतिग्रस्त हो गया था। सीढ़ी के सहारे उफनते शांशा नाले को पार कर जाहलमा पहुंचा। हिम्मत से काम लिया और मायड़ घाटी जा पहुंचा। चांगुट के ग्रामीण दिक्कत में थे, इसलिए उनकी दिक्कत के आगे नाला भी छोटा दिखा और नाले को लकड़ी के सहारे पार किया।

मयाड़ घाटी के लोगों का दुख बांटने के बाद अगले दिन नेनगाहर का रुख किया। चौखंग से फिर कड़ी परीक्षा से गुजरना पड़ा। जगह-जगह पुल क्षतिग्रस्त हो गए थे। पैदल चलकर चोखंग,गवाडी, नैनगार गांव का दौरा किया और नुक्सान का जायजा लिया। उदयपुर, मयाड़ सहित नेनगाहर घाटी में बाढ़ के कारण सड़क व फसल का बहुत नुकसान हुआ है। पानी की कूहल भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई हैं। उन्‍होंने विश्वास दिलाया कि सभी को हरसंभव सहायता दी जाएगी। मंत्री ने कहा इस मुश्किल घड़ी में ग्रामीणों के साथ हूं। ग्रामीणों का दुख दूर करने के बाद ही शिमला लौटूंगा।

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