शून्य लागत खेती से कमा रहे लाखों, इन लोगों की बदल गई तकदीर

प्राकृतिक खेती व बागवानी पांगी के किसानों और बागवानों की आर्थिक स्थिति में सुधार ला रही हैं। पांगी में करीब 12 हजार हेक्टेयर जमीन पर बागवानी की जा रही है। सरकार की ओर से चलाई जा रही प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना का किसान व बागवान लाभ उठा रहे हैं।

By Vijay BhushanEdited By: Publish:Sat, 26 Jun 2021 09:57 PM (IST) Updated:Sat, 26 Jun 2021 09:57 PM (IST)
शून्य लागत खेती से कमा रहे लाखों, इन लोगों की बदल गई तकदीर
आत्मा प्रोजेक्ट ने लोगों की तकदीर बदल दी है, बागवानी कार्यों में जुटा बागवान। जागरण

पांगी, कृष्ण चंद राणा। प्राकृतिक खेती व बागवानी पांगी के किसानों और बागवानों की आर्थिक स्थिति में सुधार ला रही हैं। पांगी में करीब 12 हजार हेक्टेयर जमीन पर बागवानी की जा रही है। जबसे सरकार ने सुभाष पालेकर शून्य लागत खेती शुरू की है तब से घाटी के बागवानों का रुझान भी इस तरफ है। प्रदेश सरकार व कृषि विभाग के आत्मा प्रोजेक्ट की ओर से चलाई जा रही प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना का किसान व बागवान लाभ उठा रहे हैं। अधिकतर बागवान जैविक खाद व स्प्रे का इस्तेमाल पौधों में कर रहे हैं। इससे आर्गेनिक फल तैयार हो रहे हैं। बागवानों को उम्मीद है कि देश व प्रदेश की मंडियों में इसके अच्छे दाम मिलेंगे। पांगी में वर्ष 2003 से पहले किसानों का बागवानी की तरफ कम रुझान था। वे सेब, पलम, खुमानी, नाशपाती व अन्य पौधे लगाकर खुद फल खाते थे। 2003 में प्रदेश सरकार ने बागवानी मिशन के तहत गार्डन कालोनी योजना शुरू की थी। इसमें समय-समय पर बदलाव भी सरकार व विभाग करता रहता है।

सेरी भटवास के बागवान रोहित ने लगाए सेब के 150 पौधे

किलाड़ पंचायत के बागवान रोहित कुमार ने सेब के करीब 150 पौधे लगाए हैं। इनमें वह देसी गाय के गोवर व गोमूत्र से तैयार जीवामृत, कांई सप्तधाम अंकुर का सप्रे करतेे हैं। खाद के स्थान पर घनजीव जड़ मंडल डाल रहे हैैं। इससे सेब के पौधों को बीमारी नहीं लग रही है। सेब का आकार व रंग भी अच्छा आ रहा हैं। सुभाष पारलेकर शून्य लागत प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण लेने के बाद इसका प्रयोग खेती व बागवानी में किया। इसका अच्छा परिणाम आ रहा है।

----------

पांगी में कृषि व बागवानी की जाती है। सरकार की प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान आत्मा परियोजना का लाभ कृषि व बागवानी में हो रहा है। किसानों व बागवानों को जैविक खेती करने के तरीके बताए जाते हैं।

-पाली, खंड तकनीकी सहायक प्रबंधक, आत्मा प्रोजेक्ट पांगी

----------

पांगी में लोग पहले भी जैविक खेती करते थे। सरकार ने बागवानी योजना पांगी में शुरू की तो किसानों ने कृषि के साथ बागवानी को भी चुना। सरकार ने आत्मा प्रोजेक्ट शुरू किया तो उन्हें शून्य लागत पर अच्छी आय हुई।

-राजेंद्र ठाकुर, उपनिदेशक, आत्मा प्रोजेक्ट पांगी

chat bot
आपका साथी