प्राकृतिक खेती के उत्पादों को मिलेगा बाजार, परेशान नहीं होंगे किसान

हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक तरीके से उगाए जा रहे सभी प्रकार के खाद्यानों डेयरी उत्पादों मीट उत्पादों और औषधीय पौधों को बढ़ावा देकर उन्हें बाजार मुहैया करवाया जाएगा। इसके लिए एकीकृत सतत खाद्य प्रणाली बनाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।

By Vijay BhushanEdited By: Publish:Thu, 30 Sep 2021 09:59 PM (IST) Updated:Thu, 30 Sep 2021 09:59 PM (IST)
प्राकृतिक खेती के उत्पादों को मिलेगा बाजार, परेशान नहीं होंगे किसान
प्राकृतिक खेती के उत्पादों को मिलेगा बाजार। प्रतीकात्मक

शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक तरीके से उगाए जा रहे सभी प्रकार के खाद्यानों, डेयरी उत्पादों, मीट उत्पादों और औषधीय पौधों को बढ़ावा देकर उन्हें बाजार मुहैया करवाया जाएगा। इसके लिए एकीकृत सतत खाद्य प्रणाली बनाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत तैयार की जा रही सतत खाद्य प्रणाली के संबंध में वीरवार को राज्य सचिवालय में बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता कृषि सचिव डा. अजय शर्मा ने की। इनमें अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की गई।

कृषि सचिव ने दिए निर्देश

कृषि सचिव ने कहा कि हिमाचल में कृषि, बागवानी, वन, पशुपालन, आर्युवेद, मार्केङ्क्षटग बोर्ड और मिल्कफैड विभागों के साथ मिलकर ऐसी खाद्य प्रणाली को विकसित करने का काम किया जा रहा है, जिसमें सभी तरह के खाद्य पदार्थाें को शामिल किया जाएगा। इस खाद्य प्रणाली में प्राकृतिक तरीके से पैदा किए जा रहे उत्पादों की पहचान कर उनके लिए उपयुक्त बाजार की तलाश की जाएगी।इस प्रणाली में उत्पाद से जुड़े किसान और उत्पादकों को उचित मूल्य उपलब्ध करवाया जाएगा।

ये भी रहे मौजूद

बैठक के दौरान जीआइजेड इंडिया के नेशनल रिसोर्स मैनेजमेंट और एग्रोइकोलॉजी के निदेशक राजीव अहल ने हिमाचल सरकार की ओर से शुरू की गई प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के सफलतापूर्वक संचालन पर खुशी जताई। केएफडब्ल्यू डेवलपमेंट बैंक की सीनियर सेक्टर स्पेशलिस्ट संगीता अग्रवाल ने हिमाचल में इस नई खाद्य प्रणाली के गठन में सहयोग करने का भरोसा दिलाया। प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के राज्य परियोजना निदेशक राकेश कंवर ने योजना के तहत किए जा रहे कार्यक्रमों पर एक प्रस्तुति दी। बैठक में कृषि निदेशक डा. आरके परूथी, योजना सलाहकार डा. वासु सूद, एमडी मार्केङ्क्षटग बोर्ड नरेश ठाकुर, प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के कार्यकारी निदेशक प्रो. राजेश्वर ङ्क्षसह चंदेल, उद्यान विभाग के संयुक्त निदेशक हेमचंद शर्मा, पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डा. एमके बत्ता और मिल्कफैड के एमडी भूङ्क्षपदर अत्री मौजूद रहे।

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