Mandi Crime News: तेजी से बढ़ रहा बाल व महिला अपराध, हत्या व दुष्कर्म के मामलों में नहीं लग पा रही रोक

Mandi Crime News जिला मंडी में बड़ी तेजी से बाल व महिला अपराध बढ़ रहा है। हत्या व दुष्कर्म के मामलों पर रोक नहीं लग पा रही है। महिलाओं व बेटियों की सुरक्षा को लेकर आमजन चिंतित दिख रहा है। हर मामले में लीपापोती हो रही है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 06:45 AM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 08:08 AM (IST)
Mandi Crime News: तेजी से बढ़ रहा बाल व महिला अपराध, हत्या व दुष्कर्म के मामलों में नहीं लग पा रही रोक
जिला मंडी में बड़ी तेजी से बाल व महिला अपराध बढ़ रहा है।

मंडी,जागरण संवाददाता। जिला मंडी में बड़ी तेजी से बाल व महिला अपराध बढ़ रहा है। हत्या व दुष्कर्म के मामलों पर रोक नहीं लग पा रही है। महिलाओं व बेटियों की सुरक्षा को लेकर आमजन चिंतित दिख रहा है। हर मामले में लीपापोती हो रही है। इससे पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। दुर्गम क्षेत्र तो दूर जिला मुख्यालय में ही अपराधी बेलगाम हो चुके हैं। बिगड़ती कानून व्यवस्था धीरे धीरे सत्ताधारी दल के गले की फांस बनने लगी है। कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष भी अब सरकार पर हमलावर होता दिखाई दे रहा है।

जिले के द्रंग सहित कई अन्य हलकों में एक साल में कई नाबालिग बेटियों की शादी करवाए जाने के मामले सामने आ चुके हैं। दिन प्रतिदिन मामले बढ़ते जा रहे हैं। जांच के नाम पर महज कागजों के मुंह काले हो रहे हैं। बाल विवाह रोकने या फिर लाेगों को जागरूक करने की दिशा में अब तक कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया है। रोजाना बाल विवाह व नाबालिग बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामले सामने आ रहे हैं।

मंडी शहर के सुहड़ा मोहल्ले की एक महिला अपनी जुड़वां बेटियों को मार कर सकोड़ी खड्ड में फेंक देती है। पुलिस को इस बात की भनक तक नहीं लग पाती है। शहर में 24 घंटे पुलिस की गश्त रहती है। द्रंग हलके के ज्वालापुर क्षेत्र के एक जंगल में बेटे को जन्म देकर उसे वहीं छोड़ दिया। नवजात की मां कौन है और उसने इस कृत्य को क्यों अंजाम दिया, यह बात अभी पहेली बनी हुई है।

सरकाघाट के भांबला में एक युवक की दिनदहाड़े वाहनों को पास देने को लेकर हुए विवाद में हत्या कर दी जाती है। घरेलू हिंसा से पीड़ित जोगेंद्रनगर की ज्योति को कहीं से न्याय नहीं मिला तो उसे रात को घर से निकलने पर मजबूर होना पड़ा। एक माह तक पुलिस उसे नहीं ढूंढ पाई। पुलिस हवा में ही तीर चलाती रही। विवाद बढ़ता देख पुलिस मुख्यालय को इस मामले में हस्तक्षेप कर जांच सीआइडी (क्राइम) को सौंपनी पड़ी। छह लोगों की ब्लैकमेलिंग से दुखी जाेगेंद्रनगर के एक व्यक्ति को फंदा लगाने पर विवश होना पड़ता है। हर मामले की तरह इसमें भी अभी तक पुलिस के हाथ खाली हैं।

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