मंड के किसान परेशान, ठाकुरद्वारा में नहीं खुला एफसीआइ का खरीद केंद्र, क्वाइन मशीन आॅपरेटर्स की भी लूट
मंड क्षेत्र को हिमाचल का अन्नदाता कहा जाता है। यहीं का किसान हर प्रकार की फसल की कास्त करता है। पर अपनी फसल के मंडीकरण के लिए हर वर्ष पंजाब पर निर्भर रहता है। अब तो पंजाब ने भी मंड क्षेत्र की गेहूं को लेने से मना कर दिया है
भदरोअा, मुकेश सरमाल। Mand Area Farmers, मंड क्षेत्र को हिमाचल प्रदेश का अन्नदाता कहा जाता है। यहीं का किसान हर प्रकार की फसल की कास्त करता है। पर अपनी फसल के मंडीकरण के लिए हर वर्ष पंजाब पर निर्भर रहता है। अब तो पंजाब ने भी मंड क्षेत्र की गेहूं को लेने से मना कर दिया है और लगभग 75 प्रतिशत मंड में गेहूं की कटाई हो चुकी है पर हिमाचल की सरकार अभी तक मंड क्षेत्र के गांव ठाकुरद्वारा में एफसीआइ का खरीद केंद्र नहीं खुलवा सकी है। अभी तक मात्र टेंडरिंग प्रक्रिया ही चली हुई है। इस कारण किसानों को नुकसान हो रहा है।
एक तो पहले मौसम की मार, दूसरा कारण मंडी की कमी है। मंडी में स्थानीय आढ़ती सरकार के 1975 रुपये प्रति क्विंटल रेट को दरकिनार कर अपने ही रेट तय कर 1800 रुपये गेहूं की खरीद कर रहे हैं और अब एक ओर नया मामला देखने को मिला है अब गेहूं की कटाई के लिए लेबर कम मिलती है और अधिकतर लोग क्वाइन मशीनो से ही कटाई करवाते हैं।
स्थानीय किसान, अमरीक सिंह, सुनील पाधा, होशियार सिंह, प्रभदयाल सिंह आदि ने बताया कि किसानों तो पहले ही आर्थिक बोझ तले दबकर रह गया है। अब पंजाब से दर्जनों क्वाइन मशीने मंड क्षेत्र में गेहूं की कटाई करने आती हैं, मशीन मालिक अपनी मनमानी करते हुए प्रति एकड़ कटाई का 2000 हजार रुपये ले रहे हैं।
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किसानों ने सरकार और स्थानीय प्रशासन से अनुरोध किया है कि क्वाइन और अन्य मशीनरी से होने वाली गेहूं कटाई के प्रति एकड़ के रेट तय किए जाएं, ताकि मंड के किसान इन पंजाब के क्वाइन मशीन मालिकों की लूट का शिकार होने से बच सकें। उन्होंने कहा मनमाने रेट लगाने वाले इन पंजाब के लोगों पर जरूरी कार्रवाई भी की जाए।