बुरा दौर गुजर गया, नए विचारों से शुरू किए तीन सैलून
रितेश ग्रोवर कांगड़ा कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि कोरोना संकट का ऐसा समय आएगा ि
रितेश ग्रोवर, कांगड़ा
कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि कोरोना संकट का ऐसा समय आएगा कि करीब तीन माह तक व्यावसायिक गतिविधियों को पूर्ण रूप से बंद करना पड़ेगा। इस दौरान दिमाग में ऐसे भी विचार आए कि अगर लॉकडाउन ऐसा ही रहा तो जिंदगी कैसे चलेगी। बहरहाल जून में सैलून खोलने की अनुमति मिली तो कुछ हौसला आया। व्यावसायिक गतिविधियां शुरू होते ही जिंदगी व कारोबार अब धीरे- धीरे पटरी पर लौट रहा है। पैराडाइज वर्ल्ड सैलून कांगड़ा के मुख्य संचालक सुरेंद्र पॉल लॉकडाउन को बुरा सपना मानते हैं।
सुरेंद्र पॉल बताते हैं कि जिंदगी में की गई मेहनत से कांगड़ा जिले में ही नहीं बल्कि बालीवुड में भी सैलून के माध्यम से नाम कमाया है। कई बालीवुड हस्तियां सैलून में आ चुकी हैं पर समय के चक्र ने हिलाकर रख दिया था। बकौल पॉल, लॉकडाउन के तीन माह में उनके सैलून में शादियों की कई एडवांस बुकिग थीं जो कि रद हो गई और एडवांस भी लौटाना पड़ा। इस अवधि में दिक्कत का सामना करना पड़ा और कर्मचारियों की मदद भी करनी पड़ी। उन्होंने बताया कि 20 वर्ष पहले कांगड़ा में उनका एक सैलून था लेकिन मेहनत के दम से अब तीन हो गए हैं।
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अब सुधरे हालात, मिल रहा काम
सुरेंद्र पॉल बताते हैं कि उनके तीन सैलून से कई कर्मचारी जुड़े हैं और सभी को काम पर बुला लिया है। काम की रफ्तार बढ़ रही है परंतु कोरोना संकट के कारण तीनों सैलून में सतर्कता बरती जा रही है। लॉकडाउन के बाद कामकाज में भी परिवर्तन आया है और अब नए आइडिया के साथ सैलून चला रहे हैं। फिर से शादियों के लिए बुकिंग हो रही है। ग्राहकों का प्यार ऐसा ही बना रहा तो आने वाले दो-तीन माह में फिर से कारोबार गति पकड़ लेगा।
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हर्बल सैनिटाइजर का शुरू किया व्यवसाय
तीनों सैलून बंद थे और आय का कोई जरिया नहीं था। ऐसे में सैनिटाइजर का व्यवसाय शुरू करने का विचार आया तो इसके लिए सीएसआइआर-आइएचबीटी पालमपुर से संपर्क किया और वहां से काफी मदद मिली। सीएसआइआर पालमपुर से हर्बल सैनिटाइजर बनाने का जानकारी लेकर सैनिटाइजर का निर्माण किया और उसे बाजार में उतारा।
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सरकार के निर्देशों का किया पालन
लॉकडाउन में भी शादियां हुई और इस दौरान सैलून बंद थे। ऐसे में दुल्हन को तैयार करने के लिए कई लोगों ने संपर्क किया और कई तरह के प्रलोभन भी दिए लेकिन सरकार के निर्देशों का उल्लंघन नहीं किया। लॉकडाउन के दौरान हुए नुकसान की भरपाई कर सकते थे परंतु ऐसा नहीं किया।
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अब ऑनलाइन पेमेंट कर रहे उपभोक्ता
व्यावसायिक गतिविधियों में बड़ा बदलाव आया है। अब अधिकतर उपभोक्ता ऑनलाइन पेमेंट का विकल्प चुन रहे हैं। बहुत कम उपभोक्ता नकद भुगतान कर रहे हैं। धीरे-धीरे यह चलन अब और बढ़ेगा।