प्रदेश का पहला तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान बना माहूंनाग स्कूल

राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला माहूंनाग को तंबाकू मुक्त स्कूल होने का गौरव हासिल हुआ है। यह स्कूल बेहतर स्वास्थ्य का संदेश देने वाला पहला शिक्षण संस्थान बना है। अप्रैल में मुख्य चिकित्सा अधिकारी व खंड चिकित्सा अधिकारी के दौरे के बाद स्कूल को प्रमाणपत्र जारी किया गया है।

By Vijay BhushanEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 11:55 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 11:55 PM (IST)
प्रदेश का पहला तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान बना माहूंनाग स्कूल
माहूंनाग स्कूल को मिला तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान का प्रमाणपत्र। जागरण

करसोग, संवाद सहयोगी। उपमंडल के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला माहूंनाग को तंबाकू मुक्त स्कूल होने का गौरव हासिल हुआ है। यह स्कूल बेहतर स्वास्थ्य का संदेश देने वाला पहला शिक्षण संस्थान बना है। अप्रैल में मुख्य चिकित्सा अधिकारी व खंड चिकित्सा अधिकारी के दौरे के बाद स्कूल को बाकायदा तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान का प्रमाणपत्र जारी किया गया है। प्रमाणपत्र में पाठशाला को 100 में से 94 नंबर दिए गए हैं।

कोरोनाकाल के बीच स्वास्थ्य विभाग ने नशे के खिलाफ छेड़े अभियान के तहत इस कार्रवाई को अंजाम दिया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सात व आठ अप्रैल को क्षेत्र के तीन स्कूलों का दौरा किया था। इसमें माहूंनाग स्कूल में तंबाकू मुक्त घोषित करने के लिए रखे गए नौ मानकों पर सही पाया गया। पाठशाला में छठी से १२वीं तक १६४ बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। प्रधानाचार्य नरेंद्र ङ्क्षसह जंबाल ने बताया कि सरकार व स्वास्थ्य विभाग के आदेशों के अनुसार कोरोना से पहले और इस दौरान भी जागरूकता अभियान छेड़ा गया। एमएसमी व स्थानीय लोगों की मदद से स्कूल व इसके 100 गज के दायरे में तंबाकू निषेध के पोस्टर दुकानों पर लगाए गए हैं। कोई तंबाकू उत्पाद बेचता पाया जाता है तो उस पर कार्रवाई का प्रावधान है। बीएमओ करसोग डा. कंवर गुलेरिया ने बताया कि माहूंनाग स्कूल को तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान घोषित किया गया है।

यह हैं मानक

- शिक्षण संस्थान में विशिष्ठ स्थानों पर तंबाकू मुक्त क्षेत्र का बोर्ड लगा होना चाहिए। साथ ही नोडल अधिकारी का नाम पदनाम फोन नंबर अंकित हों।

-संस्थान के प्रवेशद्वार पर तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान बोर्ड लगा हो और उस पर संस्थान के नोडल अधिकारी का नाम, पदनाम व फोन नंबर अंकित हो।

- संस्थान की सीमा के अंदर सिगरेट, बीड़ी के टुकड़े, तंबाकू के खाली पैकेट आदि नहीं मिलने चाहिए।

- संस्थान के उपयुक्त स्थान पर तंबाकू से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी देते पोस्टर लगे होने चाहिए।

- संस्थान में प्रत्येक छह माह में कम से कम एक बार तंबाकू नियंत्रण पर कार्यक्रम आयोजित होना चाहिए।

-संस्थान के प्रभारी को स्वयं या किसी अध्यापक को तंबाकू नियंत्रण के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करना होगा, जिसका नाम बोर्ड में लिखा जाए।

-संस्थान की नियमावली में इसके भीतर तंबाकू का प्रयोग न करने का नियम होना चाहिए।

- यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि शिक्षण संस्थान के १०० गज के दायरे में तंबाकू पदार्थ की बिक्री न हो।

- संस्थान के 100 गज के दायरे की निशानदेही होनी चाहिए। रिहायशी, व्यावसायिक क्षेत्र अथवा सड़क आदि पर 100 गज के दायरे को पक्के रंग से अंकित किया जा सकता है, ताकि इस दायरे के भीतर तंबाकू उत्पाद की बिक्री का पता चल सके।

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राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला करसोग को तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान घोषित किया गया है। अप्रैल में संस्थान का दौर कर इसका निरीक्षण किया गया था।

डॉ. देवेंद्र शर्मा, सीएमओ मंडी।

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