मैक्लोडगंज में विशेष पूजा से लोसर उत्सव का आगाज

तिब्बती नववर्ष 2147 का सोमवार को आगाज हो गया। नववर्ष के आगाज पर तिब्?बती लोसर पर्व मनाते हैं। मैक्लोडगंज स्थित मुख्य बौद्ध मंदिर में सोमवार को नववर्ष का शुभारंभ विशेष पूजा के साथ हुआ। सुबह 7 बजे मुख्य बौद्ध मंदिर में बौद्ध लामाओं ने विशेष पूजा शुरू की। केंद्रीय तिब्बतियन प्रशासन (सीटीए) कार्यकारी अध्यक्ष एवं तिब्बती सरकार के धर्म व संस्कृति मंत्री कर्मा गेलेक ने पूजा में भाग लिया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 24 Feb 2020 06:46 PM (IST) Updated:Tue, 25 Feb 2020 06:26 AM (IST)
मैक्लोडगंज में विशेष पूजा से 
लोसर उत्सव का आगाज
मैक्लोडगंज में विशेष पूजा से लोसर उत्सव का आगाज

जागरण संवाददाता, धर्मशाला : तिब्बती नववर्ष 2147 का सोमवार को आगाज हो गया। इस उपलक्ष्य में मैक्लोडगंज स्थित मुख्य बौद्ध मंदिर में सुबह सात बजे बौद्ध लामाओं ने विशेष पूजा की। केंद्रीय तिब्बतियन प्रशासन (सीटीए) के कार्यकारी अध्यक्ष एवं निर्वासित सरकार के धर्म एवं संस्कृति मंत्री कर्मा गेलेक ने पूजा में भाग लिया। इस बार भी धर्मगुरु दलाईलामा पूजा में भाग नहीं ले रहे हैं, जबकि 2012 तक हिस्सा लेते रहे हैं। मैक्लोडगंज में तीन दिन तक चलने वाली विशेष पूजा का समापन बुधवार को ला ग्यारी बौद्ध मंदिर में होगा। इस मौके पर कर्मा गेलेक ने कहा कि दो बड़ी शक्तियां लोसर के पावन अवसर पर मिल रही हैं। कहा कि भारत और अमेरिका का तिब्बत के प्रति सकारात्मक रुख है। मोदी और ट्रंप की मुलाकात से दोनों देशों के रिश्ते और सुदृढ़ होंगे। तिब्बती सांसद डोलमा सेरिग ने बदलते पर्यावरण पर चिता जताई और भारत व अमेरिका से इस संबंध में कड़े कदम उठाने की मांग की।

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आयोजन पर रहा कोरोना वायरस का असर

इस दफा लोसर उत्सव पर कोरोना वायरस का असर रहा। विशेष पूजा के पहले दिन विदेशी बौद्ध अनुयायी नहीं दिखे। इससे पहलेलोसर समेत दलाईलामा की टीचिग में भाग लेने के लिए अनुयायी सिंगापुर, थाईलैंड, चीन, मलेशिया, वियतनाम, कोरिया व श्रीलंका से आते थे।

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क्या है लोसर

तिब्बती कैलेंडर के अनुसार नववर्ष 24 फरवरी को शुरू होता है। इस उपलक्ष्य में मैक्लोडगंज में स्थित बौद्ध मठों में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और विशेष पूजा होती है।

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