बंद कमरों में रहना और धूमपान भी दे रहा दिल का रोग, पुरुष मरीजों की संख्या अधिक, जानिए विशेषज्ञों की राय
World Heart Day 2021 नेरचौक मेडिकल कालेज में रोज 25 से 30 मरीज दिल की बीमारी के पहुंचते हैं। इनमें तीन से चार गंभीर होते हैं। अधिकतर का मुख्य कारण धूमपान और बंद कमरों में रहना सामने आता है। इनमें पुरुषों की संख्या अधिक है।
मंडी, मुकेश मेहरा। World Heart Day 2021, पांच जिलों मंडी, कुल्लू, लाहुल स्पीति, बिलासपुर, हमीरपुर के दिल के मरीजों का इलाज नेरचौक मेडिकल कालेज में बिना हृदय रोग विशेषज्ञ हो रहा है। मेडिसिन विभाग की टीम हृदय रोगियों को राहत पहुंचा रही है। रोज 25 से 30 मरीज दिल की बीमारी के पहुंचते हैं। इनमें तीन से चार गंभीर होते हैं। अधिकतर का मुख्य कारण धूमपान और बंद कमरों में रहना सामने आता है। इनमें पुरुषों की संख्या अधिक है। नेरचौक मेडिकल कालेज में वर्तमान समय में ईको, टीएमटी, पूरी तकनीक से लैस आइसीयू व 12 बेड का सीसीयू वार्ड है।
यहां एंजियोग्राफी की सुविधा नहीं है तथा हृदय रोग विशेषज्ञ न होने के कारण स्टेंट आदि डालने के लिए मरीजों को रेफर किया जाता है। मेडिकल कालेज में आने वाले अधिकतर मरीजों से जब केस हिस्ट्री जानी जाती है तो धूमपान करने वालों की संख्या अधिक रहती है। साथ ही मंडी व आसपास के इलाकों में लोगों के घर भी बंद होते, जिस कारण आग जलाने पर धुएं का कमरे में अधिक समय तक रहना भी एक कारण है। औसतन 800 के करीब लोग नेरचौक में हर माह जांच के लिए आते हैं। इनमें शुगर, हार्ट रेट अधिक होना आदि के मरीज भी शामिल रहते हैं।
ये बरतें सावधानियां
दिल को मजबूत रखने के लिए धूमपान न करें। रोजाना दो से तीन किलोमीटर पैदल चलें। आपका घर ऐसा हो कि हवा का आना जाना बना रहे। खाने में पौष्टिक आहार लें। समय-समय पर सांस लेने वाली एक्साइसज करें तथा अन्य व्यायामों को भी नियमित करें। तले हुए खाने को कम खाएं व खाने में नमक भी कम हो।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
विभागाध्यक्ष मेडिसिन नेरचौक मेडिकल कालेज डा. राजेश भवानी ने कहा मेडिसिन विभाग की टीम पूरी लगन के साथ दिल के मरीजों का इलाज कर रही है। यहां पर सभी सुविधाएं हैं। अधिकतर मामलों में धूमपान व रहन सहन ही इस बीमारी का मुख्य कारण सामने आया है।