न्याजपुर में लैब अटेंडेट की हत्या के दोषी को आजीवन कारावास की सजा

अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश धर्मशाला पारस डोगर की अदालत ने लैब अटेंडेंट कमल कौर की हत्या के दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। न्याजपुर निवासी सुनील कुमार को भारतीय दंड संहिता की अलग-अलग धाराओं के तहत सजा सुनाई गई है।

By Vijay BhushanEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 05:25 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 05:25 PM (IST)
न्याजपुर में लैब अटेंडेट की हत्या के दोषी को आजीवन कारावास की सजा
नूरपुर के न्याजपुर में लैब अटेंडेट की हत्या के मामले में दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। प्रतीकात्मक

धर्मशाला, संवाद सहयोगी। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश धर्मशाला पारस डोगर की अदालत ने लैब अटेंडेंट कमल कौर की हत्या के दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत की ओर से सुनाई गई सजा के तहत न्याजपुर निवासी सुनील कुमार को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास व 10 हजार जुर्माना, धारा 452 के तहत तीन साल की कैद व 3000 जुर्माना, धारा 382 के तहत तीन साल की कैद व 3000 जुर्माना व 201 के तहत तीन साल की कैद व 3000 जुर्माना लगाया गया है। इन सभी धाराओं के तहत लगाए जुर्माने को न दिए जाने की सूरत में एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास दोषी को काटना होगा।

जिला न्यायावादी भुवनेश मिन्हास व उप जिला न्यायावादी संदीप अग्निहोत्री के मुताबिक स्पेल (जवाली) निवासी महिला कमल कौर नूरपुर में लैब अटेडेंट की नौकरी करती थी और न्याजपुर निवासी अशोक कुमार के किराये के मकान में रहती थी। 19 अप्रैल, 2017 को दोषी न्याजपुर निवासी सुनील कुमार सुबह करीब चार बजे उसके घर में घुस आया। उसने कमल कौर पर चाकू से हमला कर दिया। कमल कौर के चीखने की आवाज सुनकर पड़ोसियों ने शोर मचाया और वह कमल कौर के घर ओर बढ़े। घबराकर सुनील कुमार कमल कौर के गले से सोने की चेन छीन भाग गया व चाकू वहीं चारदीवारी पर छोड़ गया। जब्बर खड्ड में कमीज के बाजू काट दिए। कमीज को धोकर पहना और पठानकोट चला गया। जहां उसने एक सुनार को सोने की चेन बेच दी और नए कपड़े खरीद लिए।

मौके पर पहुंचे पड़ोसियों ने कमल कौर को मृत पाया और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने एफआइआर दर्ज करते हुए जांच शुरू की, तभी पुलिस को पता चला एक पड़ोसी महिला, जोकि दोषी की पत्नी है व मृतका एक ही मिशन से जुड़ी हुई हैं। जिस पर पुलिस ने दोषी की पत्नी से उसके पति के बारे में पूछा तो उसने जवाब दिया कि वह तो नौकरी पर चले गए हैं। पुलिस ने मोबाइल नंबर पर फोन किया तो फोन स्विच आफ था। जिस पर शक के आधार पर पुलिस ने सुनील कुमार के मोबाइल नंबर सर्विलांस पर रखा। कुछ दिन बाद सुनील कुमार ने भाई को फोन किया तो भाई ने उसे घर बुलाया और कहा कि उसे पुलिस ढूंढ रही है। पुलिस ने सुनील कुमार को न्याजपुर में गिरफ्तार कर लिया और जबर खड्ड से कमीज के बाजू भी बरामद किए। इसके बाद मामला अदालत में चला और दोष सिद्ध होने पर सुनील कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।

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