डीसी महोदय, ललेहड़ निवासी फिर हो जाएंगे विस्थापित, पहले पौंग झील में चली गई जमीनें, अब एनएच लगा निगलने
जिलाधीश महोदय ललेहड़ के लोग दूसरी बार उजड़ने जा रहे हैं। पहली बार पौंग झील में जमीनें चली गई थी अब एनएच स्थापित होने के लिए उन्हें दूसरी बार विस्थापन का दर्द झेलना पड़ रहा है। साथ लगती जमीन से एनएच गुजारा जाता है तो खर्चा भी कम होगा
धर्मशाला, जागरण संवाददाता। Lalehad People, जिलाधीश महोदय, ललेहड़ के लोग दूसरी बार उजड़ने जा रहे हैं। पहली बार पौंग झील में जमीनें चली गई थी अब एनएच स्थापित होने के लिए उन्हें दूसरी बार विस्थापन का दर्द झेलना पड़ रहा है। साथ लगती जमीन से एनएच गुजारा जाता है तो खर्चा भी कम होगा और विस्थापन का डर भी खत्म हो जाएगा। लेकिन प्रशासन ने समस्या का सुधार नहीं किया तो आंदोलन छेड़ा जाएगा, भूख हड़ताल व चक्का जाम किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
ललेहड़ डाकघर कछियारी व जिला कांगड़ा के स्थायी निवासियों ने जिलाधीश कांगड़ा को ज्ञापन सौंप कर आरोप लगाया कि उनके मकानों को जानबूझ कर एनएच में डाला जा रहा है। उनके परिवार पौंग बांध विस्थापित हैं। पहले पौंग बांध के कारण विस्थापित हो चुके हैं। अब दोबारा से एनएच के लिए उनहें विस्थापित किया जा रहा है।
दूसरी बार विस्थापित करना कहां तक उचित है। इन परिवारों का कोई भी व्यक्ति सरकारी तथा गैर सरकारी नौकरी नहीं करता है। जनवरी 2021 में जिलाधीश कांगड़ा, एसडीएम कांगड़ा व मुख्यमंत्री को मांगों को लेकर अवगत करवाया था, लेकिन आज दिन तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसलिए आपसे आग्रह है कि ललेहड़ डाकघर कछियारी के लोगों को उजाड़ने से बचा लें, अन्यथा परेशानी झेल रहे लोगों को भूख हड़ताल व चक्का जाम करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
घरों के अलावा साथ लगती भूमि पर एनएच का निर्माण करवाया जाए तो इससे सरकार का खर्चा भी कम आएगा। इस मौके पर पवन कुमार, अमित, मान चंद, सतीश कुमार, बीर सिंह, मदन लाल, संजय सुमन बाला, अनीता कुमारी, शास्त्री देवी, जगपाल, चंचला देवी, राजनी देवी, सत्या देवी, अंकुश कुमार, मोनिका, रीना देवी, बीना सरोज कुमारी भगवान दास आदि मौजूद रहे।