ज्वालामुखी में व्रत के लिए एक दिन शेष, बाज़ार हुए गुलज़ार, महिलाएं लोकल नहीं ब्रांडेड सामान की कर रहीं खरीददारी
अपने जीवन साथी की सलामती तथा लंबी आयु के लिए महिलाओं के सबसे बड़े त्योहार करवाचौथ के लिए महिलाओं का उत्साह इस कदर है कि व्रत वाले दिन सजने संवरने के लिए सौंदर्य प्रसाधन हेतु लोकल नहीं ब्रांडेड सामग्री की जमकर खरीददारी की जा रही है।
प्रवीण कुमार शर्मा, ज्वालामुखी। अपने जीवन साथी की सलामती तथा लंबी आयु के लिए महिलाओं के सबसे बड़े त्योहार करवाचौथ के लिए महिलाओं का उत्साह इस कदर है कि व्रत वाले दिन सजने संवरने के लिए सौंदर्य प्रसाधन हेतु लोकल नहीं ब्रांडेड सामग्री की जमकर खरीददारी की जा रही है। साल में एक बार आने वाले करवाचौथ के लिए हमेशा महंगाई का रोना रोने वाली महिलायें अपने इस त्योहार के आगे महंगाई को बाधा नहीं बनना देना चाहती।
यही कारण है कि व्रत वाले दिन महिलाएं अन्य औरतों को जो सुहागी बांटती हैं उसमें भी लोकल को छोड़ महंगे ब्रांडेड सामान की खरीददारी कर रही हैं। मनियारी की दुकान से लेकर रेडीमेड कपड़े तथा अनसिले कपड़े की दुकानों पर जमकर शापिंग की जा रही है। हालांकि करवाचौथ के लिए एक दिन शेष है। लेकिन नए कपड़े सिलवाने का क्रेज इतना हावी है कि शहर तो शहर गांवों में भी महिला टेलरों को रात रात भर जगकर अपने ग्राहकों के आर्डर पूरा करने के लिए मेहनत करनी पड़ रही है।
महिलाओं का तर्क है कि करवाचौथ उनका सबसे प्रिय त्योहार है अतः इसके लिए मंहगाई का धयान किया तो त्योहार का रंग फीका पड़ जायगा। साल के अन्य दिनों में किफायत की जा सकती है। लेकिन इस त्योहार के लिए कहीं भी समझौते की जगह नहीं है। ज्वालामुखी से दुकानदार सीमा सूद बतातीं हैं कि महिलायें सौंदर्य के लिए महंगे ब्रांडेड प्रोडक्ट को ही तरजीह दे रहीं हैं।
क्या बोले दुकानदार
दुकानदार ज्योतिशंकर शर्मा ने कहा कि पिछले साल कोरोना के चरम पर होने के कारण करवाचौथ पर दुकानदारों को मायूसी ही हाथ लगी थी। इस बार पिछले चार दिन से बाजारों में जबरदस्त रौनक है। महिलाएं खुले मन से खरीददारी कर रहीं हैं। व्यापार चमका है। आर्थिक तंगी से राहत मिली है। उम्मीद है आगे भी बाज़ार गुलज़ार रहेंगे।