लापरवाही की आंधी बुझा रही शिक्षा की लौ

कमलजीत डाडासीबा केंद्र और प्रदेश सरकार की ओर से गुणात्मक शिक्षा के दावे किए जाते हैं लेकिन धरातल स्तर पर ये शून्य ही हैं। सरकार ने स्कूल व कालेज तो खोल दिए हैं लेकिन स्टाफ की तैनाती करना शायद भूल गई है। ऐसे में विद्यार्थियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बाबा कांशी राम राजकीय महाविद्यालय डाडासीबा का आजकल यही हाल है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Sep 2021 07:55 AM (IST) Updated:Mon, 06 Sep 2021 07:55 AM (IST)
लापरवाही की आंधी बुझा रही शिक्षा की लौ
लापरवाही की आंधी बुझा रही शिक्षा की लौ

कमलजीत, डाडासीबा

केंद्र और प्रदेश सरकार की ओर से गुणात्मक शिक्षा के दावे किए जाते हैं, लेकिन धरातल स्तर पर ये शून्य ही हैं। सरकार ने स्कूल व कालेज तो खोल दिए हैं, लेकिन स्टाफ की तैनाती करना शायद भूल गई है। ऐसे में विद्यार्थियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बाबा कांशी राम राजकीय महाविद्यालय डाडासीबा का आजकल यही हाल है।

2016 से चल रहे इस कालेज की हालत यह है कि यहां विद्यार्थी 300 से अधिक हैं, लेकिन उन्हें पढ़ाने के लिए केवल तीन ही प्राध्यापक हैं। पांच शिक्षकों के पद खाली हैं। चिंतनीय यह है कि पिछले चार माह से प्राचार्य ही नहीं है। प्राचार्य 31 मार्च को सेवानिवृत्त हो गए हैं और उसके बाद आज दिन तक यह पद खाली है। कला व वाणिज्य संकाय के इस कालेज में बिना प्राध्यापकों के बच्चे कैसे पढ़ाई करेंगे, इसे लेकर अभिभावक भी चिंतित हैं। कालेज की पीटीए प्रधान पिकी देवी के नेतृत्व के स्थानीय लोगों ने कहा कि ऐसे में शिक्षा विभाग की नाकामी बच्चों की जिंदगी पर भारी पड़ने लगी है। अभिभावक संघ का कहना है कि इस बाबत कई बार विभाग के खिलाफ प्रदर्शन व लिखित शिकायत भी की लेकिन नतीजा शून्य ही निकाला। पीटीए प्रधान पिंकी देवी, उपप्रधान रणजीत सिंह व संयुक्त सचिव सरजीत कुमार ने कहा कि राजनीतिक शास्त्र, हिंदी व इतिहास तीनों ही मेजर विषय हैं लेकिन इन विषयों के प्राध्यापकों के पद खाली हैं। शिक्षकों के साथ-साथ गैरशिक्षकों के पद भी खाली हैं। उधर कालेज प्राचार्य का अतिरिक्त कार्यभार देख रहे राजेंद्र भारद्वाज ने कहा कि रिक्त पदों बाबत उच्चाधिकारियों को लिखित रूप में अवगत करवा दिया है लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

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कालेज स्टाफ की स्थिति

भरे हुए पद

-शिक्षक : अंग्रेजी, वाणिज्य व अर्थशास्त्र।

-गैरशिक्षक : लिपिक, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी व चौकीदार

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खाली पद

शिक्षक : प्राचार्य, इतिहास, हिदी, राजनीतिक शास्त्र व संगीत।

गैरशिक्षक : लाइब्रेरियन, कार्यालय अधीक्षक, वरिष्ठ सहायक, लिपिक व तबला वादक

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