Kullu Dussehra: कुल्लू में खरीदे कपड़े से सुशोभित होंगे भगवान रघुनाथ, राजपरिवार के सदस्‍य ही करेंगे तैयार

Kullu International Dussehra अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के लिए भगवान रघुनाथ इस बार कुल्लू में ही खरीदे कपड़े के वस्त्र धारण करेंगे। राज परिवार ने सावन महीने से ही इन वस्त्रों के लिए कपड़ा खरीद लिया था। राज परिवार के सदस्य ही कारीगर बनकर अलग-अलग वस्त्रों को तैयार करते हैं।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 06:46 AM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 07:35 AM (IST)
Kullu Dussehra: कुल्लू में खरीदे कपड़े से सुशोभित होंगे भगवान रघुनाथ, राजपरिवार के सदस्‍य ही करेंगे तैयार
अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के लिए भगवान रघुनाथ इस बार कुल्लू में ही खरीदे कपड़े के वस्त्र धारण करेंगे।

मंडी, मुकेश मेहरा। Kullu International Dussehra, अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के लिए भगवान रघुनाथ इस बार कुल्लू में ही खरीदे कपड़े के वस्त्र धारण करेंगे। राज परिवार ने सावन महीने से ही इन वस्त्रों के लिए कपड़ा खरीद लिया था। राज परिवार के सदस्य ही कारीगर बनकर अलग-अलग वस्त्रों को तैयार करते हैं। घाटी के अधिष्ठाता देवता भगवान रघुनाथ अपने परिवार के साथ दशहरा में भाग लेने के लिए 15 अक्टूबर को अपने निवास स्थान से निकलेंगे। इस दिन से लेकर 22 अक्टूबर तक दशहरा समाप्ति तक भगवान को पहनाए जाने वाले वस्त्रों का निर्माण छड़ीबरदार महेश्वर सिंह, उनकी पत्नी, टीका दानवेंद्र, उनकी पत्नी रवीजा सिंह कुमारी, हितेश्वर व विभा सिंह सहित परिवार के अन्य सदस्य करते हैं।

श्राद्धों के चलते उच्चकोटी का कपड़ा सावन महीने में ही खरीद लिया जाता है। कई बार यह बाहर से मंगवाया जाता है, लेकिन इस बार कुल्लू में ही लगभग 10 से 15 मीटर कपड़ा अलग-अलग रंगों का खरीदा है। इसके बाद इसकी पूजा के बाद हल्का काम किया जाता है। शेष काम नवरात्र में पूरा होता है। भगवान रघुनाथ के सिर पर बांधे जाने वाली छोटी पट्टी बनाने में ही तीन से चार दिन लगते हैं। भगवान रघुनाथ, माता सीता, लक्ष्मण व भगवान हनुमान के लिए अलग-अलग वस्त्र तैयार किए गए हैं।

प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहनाए जाते हैं वस्त्र

टीका दानवेंद्र सिंह बताते हैं कि वस्त्र तैयार होने के बाद इनकी प्राण प्रतिष्ठा होती है। उसके बाद ही देवताओं को इन्हें पहनाया जाता है। दिन के हिसाब से रंग तय होते हैं। इसमें सोमवार व शुक्रवार को सफेद, शनिवार व मंगलवार को लाल व बुधवार को हरा, वीरवार को पीला और रविवार को नीले रंग के वस्त्र पहनाए जाते हैं।

दातुन व रोज की प्रक्रियाओं का सामान भी तैयार

भगवान रघुनाथ व उनके परिवार के लिए रोज की प्रक्रियाओं में इस्तेमाल होने वाले जड़ी बूटियों की दातुन, विशेष मिट्टी आदि का भी प्रावधान राज पुरोहितों ने किया है। सुबह की पहली पूजा से पहले यह पूरी प्रक्रिया की जाती है।

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