कोटखाई दुष्कर्म व हत्या मामला: सीबीआइ ने दोषी नीलू के लिए मांगी मौत की सजा, पढ़ें पूरा मामला

Kotkhai Murder and Physically Assaulted Case हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित कोटखाई दुष्कर्म एवं हत्या मामले की मंगलवार को शिमला में सीबीआइ की विशेष अदालत में सुनवाई हुई। विशेष न्यायाधीश राजीव भारद्वाज के समक्ष दोषी की सजा को लेकर अभियोजन व बचाव पक्ष के वकीलों के बीच बहस हुई।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 08:03 AM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 08:39 AM (IST)
कोटखाई दुष्कर्म व हत्या मामला: सीबीआइ ने दोषी नीलू के लिए मांगी मौत की सजा, पढ़ें पूरा मामला
हिमाचल के बहुचर्चित कोटखाई दुष्कर्म एवं हत्या मामले की शिमला में सीबीआइ की विशेष अदालत में सुनवाई हुई।

शिमला, जागरण टीम। Kotkhai Murder and Physically Assaulted Case, हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित कोटखाई दुष्कर्म एवं हत्या मामले की मंगलवार को शिमला में सीबीआइ की विशेष अदालत में सुनवाई हुई। विशेष न्यायाधीश राजीव भारद्वाज के समक्ष दोषी की सजा को लेकर अभियोजन व बचाव पक्ष के वकीलों के बीच बहस हुई। इसमें सीबीआइ ने छात्रा से दुष्कर्म एवं हत्या के दोषी चरानी अनिल उर्फ नीलू को मौत की सजा देने की मांग की। सीबीआइ ने तर्क दिया कि मामला गंभीर है और यह अमानवीय कृत्य था। दो घंटे तक चली सुनवाई में दोषी के वकील ने कोर्ट रूम में सजा को लेकर कुछ रियायत देने की बात रखी। कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में लाया गया नीलू बहस के दौरान बेचैन दिखा। मामले की अगली सुनवाई 18 जून को होगी, जिसमें सजा पर फैसला आ सकता है।

क्या है मामला

शिमला जिला के कोटखाई में वर्ष 2017 में जुलाई माह के पहले सप्ताह में जघन्य वारदात हुई थी। 4 जुलाई, 2017 को एक छात्रा स्कूल से लौटते समय लापता हो गई थी। 6 जुलाई 2017 को कोटखाई के तांदी के जंगल में पीडि़ता का शव मिला। जांच में पाया गया कि छात्रा की दुष्कर्मके बाद हत्या कर दी गई थी। छात्रा को बड़ी बर्बरता से मौत के घाट उतारा गया था। किशोरी के साथ दङ्क्षरदगी की इस वारदात के खिलाफ जबरदस्त जनाक्रोश देखने को मिला था। लोगों ने तब इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर सड़क पर उतरकर आंदोलन किया था। छानबीन के बाद पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनमें एक आरोपी सूरज की लॉकअप में हत्या कर दी गई। आक्रोशित लोगों का पुलिस पर गुस्सा फूटा और भीड़ ने कोटखाई थाने को आग के हवाले कर दिया था। प्रदेश हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई के सुपुर्द कर दी। सीबीआई ने गुडिय़ा रेप-मर्डर और सूरज हत्याकांड में दो अलग-अलग मामले दर्ज किए।

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