कीवी उत्पादन कर दूसरों की इम्यूनिटी बढ़ाने वालों की आर्थिकी कमजोर, किसानों को मिल रहे 50 से 200 रुपये तक दाम

Kiwi Fruit Farming कीवी के बिचौलियों और विक्रेताओं के खेल में बेहतर आर्थिकी की उम्मीद रखने वाले बागवान फैल हैं। दिन रात मेहनत कर कीवी का उत्पादन कर दूसरों की इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले बागवानों की आर्थिकी काे मुनाफे के चक्कर में कमजोर किया जा रहा है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Sat, 24 Apr 2021 08:11 AM (IST) Updated:Sat, 24 Apr 2021 01:21 PM (IST)
कीवी उत्पादन कर दूसरों की इम्यूनिटी बढ़ाने वालों की आर्थिकी कमजोर, किसानों को मिल रहे 50 से 200 रुपये तक दाम
कीवी के बिचौलियों और विक्रेताओं के खेल में बेहतर आर्थिकी की उम्मीद रखने वाले बागवान फैल हैं।

शिमला, यादवेन्द्र शर्मा। Kiwi Fruit Farming, कीवी के बिचौलियों और विक्रेताओं के खेल में बेहतर आर्थिकी की उम्मीद रखने वाले बागवान फैल हैं। दिन रात मेहनत कर कीवी का उत्पादन कर दूसरों की इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले बागवानों की आर्थिकी काे मुनाफे के चक्कर में कमजोर किया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश में 184 हेक्टेयर में कीवी के पौधे लगाए गए हैं और जिससे सालाना 675 मीट्रिक टन उत्पादन किया जा रहा है। बिचोलियों व विक्रेताओं के खेल में बागवानों से कीवी 50 रुपये से 200 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदी जा रही है और उसी कीवी को आम लोगों को पर पीस तीस रुपये से लेकर पचास रुपये बेचा जा रहा है। ऐसे में किलो में ही सौ से दो सौ रुपये विक्रेता कमा रहे हैं। जबकि बिचोलियों की कमाई अलग से है।

हिमाचल की गणवत्ता वाली कीवी को चीन और इरान की कीवी की चमक चुनौती दे रही है। कीवी की उत्पादन लागत 50 रुपये प्रति किलो आंकी जाती है जबकि ईरान और चीन की कीवी मात्र अस्सी रुपये से 100 रुपये तक बिकने के कारण इसने बागवानों की कमर तोड़ दी है। यह अलग बात है कि देखने में विदेशी कीवी की चमक हिमाचल की कीवी से कई गुणा बेहतर है लेकिन स्वाद और गुणवत्ता में चुनैाती नहीं दे सकती।

सोलन के प्रकाश राणा बताते हैं कि करीब दस बीघा में कीवी का बागीचा लगाया हुआ है। जिससे हर वर्ष करीब 25 लाख की आय होती थी। बिचौलियों और चीन व इरान की कीवी के आने से बहुत नुकसान हुआ है और पचास से अस्सी रुपये किलो बेचनी पड़ी है। कीवी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करने के साथ प्लेटलेटर को बढ़ाने का काम करती है। िजन्हें डेंगू व कैंसर जैसे रोग की समस्या है वे कीवी की ज्यादा मांग करते हैं

कीवी उत्पादक जगदेव पंवार ने बताया कि एक पौधे से करीब एक क्वींटल तक उत्पादन ले रहा हूं और कुछ में तो डेढ़ क्वींटल तक भी उत्पादन मिल रहा है। मेहनत करने के बावूजद दाम बेहतर नहीं मिल रहे हैं। हमसे कीवी प्रति किलो की दर से खरीदी जा रही है और विक्रेता पर पीस बेच सैंकड़ों रुपये प्रति किलो कमा रहे हैं। इसे देखने वाला कोई नहीं है। मार्केटिंग की कमी के कारण दिक्कतें आ रही हैं।

प्रदेश में कीवी की मुख्य रुप से चार किस्मों हेवार्ड, एलिसन, तयूरी और ब्रूनो का उत्पादन किया जा रहा है। कीवी उसके आकार के आधार पर मंहगे दामों पर बिकती है। कीवी के उत्पादन क्षेत्र को बढ़ाया जा रहा है। -जय प्रकाश शर्मा, निदेशक बागवानी विभाग हिमाचल प्रदेश

हिमाचल प्रदेश में कीवी का उत्पादन जिला,क्षेत्र हेक्टेयर में,उत्पादन मीट्रिक टन में सिरमौर,28,464 सोलन,25,145 मंडी,30,22 शिमला,20,15 कांगड़ा,16,14 कुल्लू,52,09 चंबा,09,06 हमीरपुर,02,नई पौधे लगे बिलासपुर,01,नए पौधे लगे कुल,184,675

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