विधेयकों का विरोध किसानों को गुमराह करने के लिए : कपूर
कुछ राजनीतिक दल कृषि विधेयकों का विरोध मात्र किसानों को गुमराह करन
जेएनएन, धर्मशाला : कुछ राजनीतिक दल कृषि विधेयकों का विरोध मात्र किसानों को गुमराह करने के लिए कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने 2014 से ही किसानों के हितों कि रक्षा के लिए कई सार्थक कदम उठाए हैं, जिनके परिणामस्वरूप किसान आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हुए हैं। यह बात शुक्रवार को जारी बयान में कांगड़ा से लोकसभा सदस्य किशन कपूर ने कही। उन्होंने कहा कि उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण), कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन एवं कृषि सेवा पर करार और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक सही मायनों में किसानों को अपनी फसल के भंडारण, और बिक्री की आजादी देंगे और उन्हें बिचौलियों के चंगुल से मुक्त करेंगे। किसानों को अधिकार मिलेगा कि वे अपनी उपज देश के किसी भी भाग में बेच सकेंगे।
उन्होंने कहा कि यह विधेयक 'एक देश एक बाजार' सोच के साथ किसानों की फसलों की लागत कम कर उनकी आय की वृद्धि का मार्ग प्रशस्त करता है। इससे किसानों की आढ़तियों पर निर्भरता कम होगी और बिचौलियों का वर्चस्व समाप्त होगा। यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि इस विधेयक से सरकार की न्यूनतम समर्थन मूल्य नीति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद बंद नहीं होगी। कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों का विरोध केवल राजनीतिक हितों की पूर्ति के लिए है। आजादी से लेकर 2014 तक देश के अन्नदाता का जो हाल था, वह किसी से छिपा नहीं है।