Kinnaur Landslide: आसान नहीं लापता लोगों की तलाश, लगातार बरस रहे पत्थर, 55 डिग्री के एंगल पर खड़ी मशीनरी
Kinnaur Landslide हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के निगुलसरी में पहाड़ के दरकने से हुए हादसे के बाद लापता लोगों की तलाश बड़ी चुनौती बना हुआ है। 200 मीटर खड़ी चढ़ाई पर सड़क बनाकर दोनों तरफ से लापता लोगों को खोजा जा रहा है।
रिकांगपिओ/भावानगर, संवाद सहयोगी। Kinnaur Landslide, हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के निगुलसरी में पहाड़ के दरकने से हुए हादसे के बाद लापता लोगों की तलाश बड़ी चुनौती बना हुआ है। 200 मीटर खड़ी चढ़ाई पर सड़क बनाकर दोनों तरफ से लापता लोगों को खोजा जा रहा है। इस बीच घटनास्थल पर लगातार भूस्खलन का सिलसिला भी जारी है। लगातार पहाड़ी से पत्थर गिर रहे हैं और नीचे बचाव व राहत दल अभियान में जुटा है। इस अभियान को तेज गति देते हुए पत्थरों और मिट्टी के बीच दबे लोगों को खोजने के लिए जिला प्रशासन ने भारी मशीनों और खोजी कुत्तों की भी सहायता ली जा रही है। इस अभियान में पोकलेन मशीन को करीब 55 डिग्री के एंगिल पर पहाड़ी पर चढ़ाकर मलबा हटाया जा रहा है। इससे मलबा हटाने में तेजी आई है। वहीं सर्च अभियान में जुटी टीमों के लिए खाने पीने की व्यवस्था सतलुज जल विद्युत निगम लगातार कर रहा है और लापता लोगों के परजनों को ठहरने की व्यवस्था भी प्रशासन ने की है।
खोज एवं बचाव अभियान के चौथे दिन शनिवार को बचाव राहत कार्य सुबह 4 बजे से शुरू कर दिया गया। शनिवार को दोपहर तक तीन और शव बरामद किए गए हैं। मृतकों की संख्या 20 तक पहुंच गई है। निकाले गए शवों में दो पुरुष और एक महिला का शव है, जिन्हें सीएचसी भावानगर पहुंचाया जा रहा है। पहाड़ी से रुक-रुककर पत्थरों के गिरने का सिलसिला लगातार जारी है, जिस कारण स्थानीय प्रशासन ने लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी है।
एसडीएम भावानगर मनमोहन सिंह ने अपील की है कि यदि किसी को भी शव की शिनाख्त करनी है वह सीएचसी भावानगर शव गृह में आकर शिनाख्त कर सकता है। सीएचसी भावानगर में लापता लोगों के परिजनों का सुबह से शाम तक तांता लगा हुआ है।
इससे पहले तीसरे दिन शुक्रवार को तीन शव निकाले गए थे। हादसे का शिकार हुई एचआरटीसी बस के कुछ यात्री अब भी लापता है। वहीं शुक्रवार दोपहर बाद साढ़े चार बजे हाईवे से गुजर रही एचआरटीसी की बस पर पत्थर गिरने से महिला और एक युवक यात्री घायल हो गए थे। जिन्हें भावानगर स्वास्थ्य केंद्र में उपचार देने के बाद घर भेज दिया गया था।