सीएचसी खैरा में 32 में से 17 पद रिक्त

संवाद सहयोगी भवारना एक ओर जहां सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं में खुद को अव्वल दर्शा

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Sep 2021 11:16 PM (IST) Updated:Wed, 08 Sep 2021 11:16 PM (IST)
सीएचसी खैरा में 32 में से 17 पद रिक्त
सीएचसी खैरा में 32 में से 17 पद रिक्त

संवाद सहयोगी, भवारना : एक ओर जहां सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं में खुद को अव्वल दर्शा कर बड़े-बड़े दावे कर रही है वहीं जयसिंहपुर व सुलह विधानसभा क्षेत्र की करीब 40 हजार आबादी के स्वास्थ्य का जिम्मा संभाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) खैरा स्टाफ की कमी से जूझ रहा है। 24 घंटे स्वास्थ्य श्रेणी में शुमार सीएचसी के लिए 30 बिस्तरों सहित 32 पद मंजूर हैं, लेकिन हकीकत कोसों दूर है।

सीएचसी में सृजित पदों में से आधे से ही काम चलाया जा रहा है। इसके साथ ही रोजाना कोरोना वैक्सीन लगने व कोरोना जांच केंद्र भी होने से सीएचसी का काम बढ़ा है। इसके बावजूद चिकित्सा प्रभारी की प्रतिनियुक्ति कोविड मेक शिफ्ट अस्पताल परौर में लगाई गई है। सीएचसी की जिम्मेदारी मात्र दो महिला चिकित्सकों व एक चिकित्सक पर है जो दिन-रात ड्यूटी व साथ में आपातकालीन सेवाएं व वैक्सीन व कोरोना जांच को भी अंजाम दे रहे हैं।

लोगों ने मांग की है कि चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति आदेश रद किए जाएं या अन्य किसी चिकित्सक को खैरा में भेजा जाए, ताकि समस्या से निजात मिले। जून 2006 में सीएचसी का दर्जा प्राप्त अस्पताल में स्वीकृत 32 पदों में से विभिन्न श्रेणियों के 17 पद रिक्त हैं।

सीएचसी खैरा में चीफ फार्मासिस्ट का एक, फार्मासिस्ट के दो, स्टाफ नर्स का एक, चतुर्थ श्रेणी कर्मियों के चार, सफाई कर्मचारी के दो, माली का एक पद, एक्सरे तकनीशियन का एक, लैब तकनीशियन का एक, लिपिक का एक, ओटीए का एक, दाई का एक, रसोइया का एक सहित कुल 17 पद रिक्त हैं।

अस्पताल में स्टाफ के लिए आवास सुविधा की बात करें तो दो चिकित्सकों के लिए ही आवासीय सुविधा उपलब्ध है। शेष पैरा मेडिकल व चतुर्थ श्रेणी स्टाफ के लिए आवास न होने से महिला स्टाफ व विशेषकर पैरा मेडिकल के लिए ड्यूटी आने जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

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स्वास्थ्य केंद्र में स्टाफ की कमी ध्यान में है। सीमित स्टाफ के बावजूद बेहतर सुविधाएं देने का प्रयास दोनों महिला चिकित्सकों द्वारा किया जा रहा है तथा स्टाफ की कमी बारे अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी गई है।

-डा. दिलावर सिंह दियोल, बीएमओ भवारना।

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