करुणामूलक संघ कल करेगा विधानसभा का घेराव, 15 साल से कर रहे रोजगार मिलने का इंतजार

Himachal Karunamulk Sangh करुणामूलक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार ने बताया आश्रित लंबे अरसे से करुणामूलक आधार पर भर्तियां करने की मांग कर रहे हैं। इस दौरान विधायकों मंत्रियों और मुख्यमंत्री से मिलकर भी काफी बार बात को रखा गया है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 09:53 AM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 09:53 AM (IST)
करुणामूलक संघ कल करेगा विधानसभा का घेराव, 15 साल से कर रहे रोजगार मिलने का इंतजार
करुणामूलक संघ ने छह अगस्त को विधानसभा का घेराव करने का फैसला लिया है।

बडूखर, संवाद सूत्र। Himachal Karunamulk Sangh, करुणामूलक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार ने बताया आश्रित लंबे अरसे से करुणामूलक आधार पर भर्तियां करने की मांग कर रहे हैं। इस दौरान विधायकों, मंत्रियों और मुख्यमंत्री से मिलकर भी काफी बार बात को रखा गया है। लेकिन हर बार केवल आश्वासन ही मिला है। मजबूरन करुणामूलक संघ ने छह अगस्त को विधानसभा का घेराव करने का फैसला लिया है। प्रदेश में करुणामूलक आधार पर 4500 आश्रितों को नौकरियां नहीं मिली हैं और विभागों, बोर्डों, निगमों में पद रिक्‍त चल रहे हैं। आश्रितों ने मांग की है कि करुणामूलक आश्रितों को वन टाइम सेटलमेंट के तहत सभी को एक साथ नियुक्तियां दी जाएं।

आश्रितों को 15 वर्ष से भी अधिक का समय आवेदन किए हुए हो गया है। लेकिन अभी तक नौकरी नहीं मिली है। सरकार आश्रितों को नौकरी देकर जल्द राहत देने के लिए काम करें। बता दें कि करुणामूलक आधार पर सरकारी नौकरी देने के मामलों पर अभी सरकार कोई अंतिम फैसला नहीं ले पाई है।  जिसके कारण 30 जुलाई से  करुणामूलक आश्रित क्रमिक अनशन पर बेठे हुए है  सरकार के द्वारा सूझबूझ न लिये जाने के कारण करुणामूलक संघ ने छह अगस्त को 11 बजे विशाल धरने का फैसला ले लिया है। जिसमे प्रदेश भर के हजारों  करुणामूल्क आश्रित मौजूद रहेंगे।

ये हैं मुख्य मांगें

समस्त विभागों, बोर्डों, निगमों में लंबित पड़े करुणामूलक आधार पर दी जाने वाली नोकरियों के केसों को जो सात मार्च 2019 की पॉलिसी में आ रहे हैं उनको वन टाइम सेटेलमेंट के तहत सभी को एक साथ नियुक्तियाँ दी जाएं। करुणामूलक आधार पर नौकरियों वाली पॉलिसी में संशोधन किया जाए व उसमे 62500 रुपये एक सदस्य सालाना आय सीमा शर्त को पूर्ण रूप से हटा दिया जाए। योग्यता के अनुसार आश्रितों को बिना शर्त के सभी श्रेणियों में नौकरी दी जाए। पांच प्रतिशत कोटा शर्त को हटा दिया जाए ताकि विभाग अपने तौर पर नियुक्तियां दे सके। जब किसी महिला आवेदक की शादी हो जाती है तो उसे पॉलिसी से बाहर किया जाता है इस शर्त को भी हटाया जाए। जिनके कोर्ट केस बहाल हो गए हैं उन्हें भी नियुक्तियां दी जाए।

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