Kargil Vijay Divas: जिला कांगड़ा के कारगिल बलिदानियों को शहीद स्मारक में दी जाएगी श्रद्धांजलि
Kargil Vijay Divas 2021 जिला कांगड़ा के कारगिल बलिदानियों सहित अन्य वीर समूतों को आज याद किया जा रहा है जिन्होंने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। शहीद स्मारक धर्मशाला में शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए जाएंगे।
धर्मशाला, जागरण संवाददाता। Kargil Vijay Divas 2021, जिला कांगड़ा के कारगिल बलिदानियों सहित अन्य वीर समूतों को आज याद किया जा रहा है, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। शहीद स्मारक धर्मशाला में शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए जाएंगे। नवीं कौर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीएन अन्नथानारायणन बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे और शहीद स्मारक में कारगिल बलिदानियों को श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे। उपायुक्त डाक्टर निपुण जिंदल और पुलिस अधीक्षक विमुक्त रंजन शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे।
वहीं, धर्मशाला महाविद्यालय में भी शहीदों को नमन किया जाएगा। शहीदों की चिता पर लगेंगे हर वर्ष मेले वतन पर मिटने वालों का यही बाकी निशां होगा। सेवानिवृत्त कैप्टन पुरुषोत्तम चंद ने बताया कि देश के लिए बलिदानियों ने किस तरह से अपने आप को न्योछावर कर दिया है उनकी शहादत को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि शहीद स्मारक एक ऐसा प्रेरणा स्थल है, जहां पर आकर भविष्य की नई पौध में भी देश प्रेम का जज्बा पैदा होता है।
कारगिल में बहुत से वीर सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। लेकिन मां भारती को आंच नहीं आने दी। उन्हें आज याद किया जाएगा व श्रद्धासुमन अर्पित किए जाएंगे। जिला भर में अलग अलग स्थानों पर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है। खनियारा में बलिदानी राइफल मैन सुनील जंग महंत को भी श्रद्धासुमन अर्पित किए जाएंगे।
बिलासपुर के सात जवानों ने दी थी प्राणों की आहुति
घुमारवीं। कारगिल युद्ध में बिलासपुर के वीर जवानों का विशेष योगदान रहा है। इस युद्ध में जिले के सात वीर जवानों ने प्राणों की आहुति देकर विजय गाथा लिखी थी। जिले के हवलदार वीर चक्र विजेता उधम सिंह, नायक मंगल सिंह, राइफलमैन विजय पाल, हवलदार राजकुमार, नायक अश्वनी कुमार, हवलदार प्यार सिंह और नायक मस्त राम ने सर्वोच्च बलिदान दिया था। इन रणबांकुरों ने भी अपने स्वजन से सकुशल लौट आने का वादा किया था, जो उन्होंने निभाया भी मगर उनके आने का अंदाज निराला था। वह लौटे मगर तिरंगे में लिपटे हुए जिसकी रक्षा की सौगंध उन्होंने खाई थी। इस शूरवीरों के बलिदान पर आज बिलासपुर जिले को गर्व महसूस होता है, जिन्होंने दुश्मन को मात देकर देशभूमि की रक्षा की थी।