कन्या पूजन से प्रसन्न होती हैं देवी मां
जवाली निवासी पंडित विपिन शर्मा ने बताया कि अष्टमी व नवमी के दिन देवी मां की
संवाद सूत्र, जवाली : जवाली निवासी पंडित विपिन शर्मा ने बताया कि अष्टमी व नवमी के दिन देवी मां की पूजा के साथ ही कन्याओं की पूजा भी की जाती है। उन्होंने कहा कि कन्या पूजन से मां प्रसन्न होती है।
आमतौर पर नौ कन्याओं को भोजन करवाया जाता है। इन्हें कुमकुम, बिदी व चुड़ियां दी जाती हैं। शास्त्रों में बताया गया है कि दो वर्ष की कन्या कुमारी, तीन वर्ष की त्रिमूर्ति, चार वर्ष की कल्याणी, पांच वर्ष की रोहिणी, छह वर्ष की बालिका, सात वर्ष की चंडिका, आठ वर्ष की शाम भरी, नौ वर्ष की दुर्गा व दस वर्ष की कन्या सुभद्रा कहलाती है। 11 वर्ष से अधिक आयु की कन्याओं का पूजन वर्जित माना जाता है। अष्टमी तिथि 23 अक्टूबर सुबह छह बजकर 57 मिनट से 24 अक्टूबर सुबह छह बजकर 58 मिनट तक रहेगी। नवमी तिथि 24 अक्टूबर सुबह छह बजकर 58 मिनट से 25 अक्टूबर सुबह सात बजकर 41 मिनट तक रहेगी।