ज्वालामुखी व्यापार मंडल ने किया मंदिरों को बंद करने के फैसले का विरोध

व्यापार मंडल ज्वालामुखी की आपात बैठक ज्वालामुखी में प्रधान अनीश सूद की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में चर्चा हुई कि प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश के मंदिरों को 23 अप्रैल से बंद करने का फैसला लिया है। व्यापारियों ने इस फैसले का विरोध किया है।

By Vijay BhushanEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 04:57 PM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 04:57 PM (IST)
ज्वालामुखी व्यापार मंडल ने किया मंदिरों को बंद करने के फैसले का विरोध
ज्वालामुखी में मंदिर बंद करने के फैसले का विरोध करते व्यापारी। जागरण

ज्वालामुखी, संवाद सहयोगी। व्यापार मंडल ज्वालामुखी की आपात बैठक ज्वालामुखी में प्रधान अनीश सूद की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इसमें शहर के व्यापारियों ने भाग लिया। बैठक में चर्चा हुई कि प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश के मंदिरों को 23 अप्रैल से बंद करने का फैसला लिया है। व्यापारियों ने इस फैसले का विरोध किया है। सरकार से आग्रह किया कि इस फैसले पर पुनर्विचार करें व व्यापारियों के हित में वापस लिया जाए।

व्यापार मंडल के अध्यक्ष ने कहा कि ज्वालामुखी जैसे धार्मिक स्थल के व्यापारी केवल माता के मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं से होने वाली आय पर ही निर्भर हैं। यदि मंदिर बंद हो जाते हैं तो हजारों लोगों की रोजी-रोटी खतरे में पड़ जाती है। सरकार एसओपी जारी करे, सख्ती और बढ़ा दे, लेकिन मंदिर को बंद न करे।

उन्होंने इस बाबत मुख्यमंत्री को एसडीएम के माध्यम से भी ज्ञापन भेजने की बात कही, ताकि सरकार तक व्यापारियों की आवाज पहुंच सके। भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के जिला संयोजक देहरा सुनील बंसल ने कहा कि सरकार के इस निर्णय के पीछे प्रशासनिक अधिकारियों का दबाव अधिक दिखाई दे रहा है, क्योंकि पर्यटन स्थलों में आने वाले पर्यटकों को खुली छूट दी जा रही है जबकि धार्मिक स्थलों को बंद करके श्रद्धालुओं को रोका जा रहा है। इससे हजारों लोगों की रोजी-रोटी पर खतरा पैदा हो गया है। व्यापारियों ने एक स्वर में कहा कि यदि सरकार ने मांग पर गौर न किया तो व्यापारी सरकार की किसी भी नीतियों और कार्यक्रमों को क्रियान्वित करने में सहयोग नहीं करेंगे। वे सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन करने पर विवश होंगे, जिसकी जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की होगी।

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