चेतन बरागटा के भाजपा से बागी होने के बाद जुब्बल कोटखाई में बदले समीकरण, कांग्रेस बदलेगी रणनीति
Jubbal Kotkhai By Election जुब्बल कोटखाई विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। बुधवार को नामांकन पत्र वापस लेने के अंतिम दिन समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं। कांग्रेस इस सीट को काफी सुरक्षित मान रही थी।
शिमला, जागरण संवाददाता। Jubbal Kotkhai By Election, जुब्बल कोटखाई विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। बुधवार को नामांकन पत्र वापस लेने के अंतिम दिन समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं। कांग्रेस इस सीट को काफी सुरक्षित मान रही थी। भाजपा को बगावती तेवर दिखाकर चुनाव मैदान में उतरे चेतन बरागटा को मनाने में पार्टी नाकाम रही है।
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक चेतन न केवल भाजपा बल्कि कांग्रेस को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। कांग्रेस काडर के वोट भले ही चेतन न तोड़ सकें, लेकिन कुछ हद तक सत्ता विरोधी लहर में वह सेंध लगा सकते हैं। कांग्रेस भले ही यह कह रही है कि चेतन के चुनावी मैदान में होने से नुकसान भाजपा को है। लेकिन चेतन बरागटा को मिल रहे जनसमर्थन ने कांग्रेस को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है। संगठन सूत्रों की माने तो कांग्रेस अब इस सीट को लेकर अपनी रणनीति बदलने जा रही है। पार्टी अपने अग्रणी संगठनों के पदाधिकारियों को प्रचार में आगे लाएगी।
युवाओं, कांग्रेस समर्थित जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों को प्रचार में उतारेगी। 20 अक्टूबर के बाद इस सीट पर स्टार वार शुरू होगा। कांग्रेस के स्टार प्रचारक और पार्टी के दिग्गज नेताओं की रैलियां और जनसभाएं यहां पर करवाई जाएंगी। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला, सहप्रभारी संजय दत्त, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू, वरिष्ठ नेता रामलाल ठाकुर से लेकर अन्य नेता भी प्रचार के लिए जुब्बल कोटखाई पहुंचेंगे।
सेब, महंगाई और सड़कों की हालत मुख्य मुद्दा
जुब्बल कोटखाई विधानसभा क्षेत्र सेब बाहुल है। कांग्रेस ने उपचुनाव में महंगाई, कार्टन के दाम में बढ़ोतरी, सेब के उचित दाम न मिलने और सड़कों की खस्ता हालत जैसे स्थानीय मुद्दों को प्रमुखता से उठाया है। वहीं, भाजपा प्रदेश सरकार की ओर से हाल ही में किए गए विकास कार्यों को गिना रही है।