ज्वालामुखी मंदिर के अधीन छोटे मंदिरों का आज तक नहीं हो पाया सुंदरीकरण
श्री ज्वालामुखी मंदिर के अधीन छोटे छोटे मंदिरों को विकसित करने और उनका सुंदरीकरण करने की योजनाएं ठंडे बस्ते में पड़ गई हैं। यह योजनाएं फाइलों में दफन होकर रह गई हैं। इन पर कोई काम नहीं हो सका है।
ज्वालामुखी, करुणेश शर्मा। श्री ज्वालामुखी मंदिर के अधीन छोटे छोटे मंदिरों को विकसित करने और उनका सुंदरीकरण करने की योजनाएं ठंडे बस्ते में पड़ गई हैं। यह योजनाएं फाइलों में दफन होकर रह गई हैं। इन पर कोई काम नहीं हो सका है। प्रदेश सरकार को बने आज 3 साल होने जा रहे हैं परंतु 60 लाख के बजट का प्रावधान करने के बाद भी आज दिन तक इन कार्यों को अंजाम देने के लिए कवायद शुरू नहीं की गई है। जिससे मंदिर न्यास ज्वालामुखी के सदसयों में भी प्रशासन के खिलाफ खासा रोष देखने को मिल रहा है।
यहां बता दें कि ज्वालामुखी मंदिर के अधीन प्राचीन एवं ऐतिहासिक टेढ़ा मंदिर, बाबा भैरव मंदिर, तारा देवी मंदिर, अष्टभुजा माता मंदिर व अन्य कई छोटे-छोटे मंदिर हैं। जिनके उचित रखरखाव के लिए वहां पर यात्रियों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए और इन मंदिरों के सुंदरीकरण करके इनको जाने वाले सभी मार्गों को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए मंदिर न्यास ज्वालामुखी ने अपनी पहली ही बैठक में प्रस्ताव पारित कर 60 लाख का बजट प्रावधान किया था।
परंतु प्रशासन ने इस ओर एक भी कदम नहीं उठाया है। जिससे न केवल मंदिर न्यास के सदस्य में बल्कि शहर के लोगों में भी सरकार व प्रशासन के खिलाफ रोष देखा जा रहा है। इस संदर्भ में सहायक मंदिर आयुक्त एवं ज्वालामुखी धनवीर ठाकुर ने कहा कि शीघ्र ही इन सभी योजनाओं को अमलीजामा पहनाने के लिए मंदिर प्रशासन कवायद शुरू करेगा ताकि इन छोटे मंदिरों में भी यात्रियों की आमद बढ़ सके इन मंदिरों का भी जीर्णोद्धार हो सके और यहां पर भी यात्रियों को दर्शन करने के लिए सुविधा मिल सके।