18 मिनट तक वीरभद्र को याद करते रहे जयराम

हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार को शुरू हो गया। पहले दिन सदन ने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और मुख्य सचेतक नरेंद्र बरागटा व तीन पूर्व विधायकों मोहन लाल अमर सिंह चौधरी व राम सिंह को श्रद्धाजंलि दी गई।

By Vijay BhushanEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 09:26 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 09:26 PM (IST)
18 मिनट तक वीरभद्र को याद करते रहे जयराम
शिमला में विुधानसभा के मानसून सत्र के दौरान संबोधित करते जयराम। जागरण

शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार को शुरू हो गया। पहले दिन सदन ने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, और मुख्य सचेतक नरेंद्र बरागटा व तीन पूर्व विधायकों मोहन लाल, अमर सिंह चौधरी व राम सिंह को श्रद्धाजंलि दी गई। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शोकोद्गार के दौरान 18 मिनट तक वीरभद्र को याद किया और उसने जुड़ी स्मृतियों को साझा किया।

उन्होंने कहा कि वीरभद्र का जीवन सबके लिए प्रेरणास्रोत रहेगा। कहां, कब और कितना बोलना है, यह उनसे सीखा जा सकता है। बेशक राजनीतिक मतभेद रहा हो, लेकिन वीरभद्र उनसे व्यक्तिगत रूप से बहुत स्नेह करते थे। प्रदेश के विकास में उनका बड़ा योगदान रहा है। हिमाचल इस योगदान को हमेशा स्मरण रखेगा।

बकौल जयराम, वीरभद्र ने कांंग्रेस के मौजूदा नेतृत्व को हाथ पकड़कर चलाना सिखाया। उन्होंने कभी भी राजनीतिक जमीन नहीं छोड़ी, वे जमीन से जुड़े रहे। उनमें हालात से लडऩे की गजब की इच्छाशक्ति थी। सदन 13 अगस्त तक चलेगा। पहले दिन सदन की कार्यवाही दोपहर बाद दो बजे शुरू हुई।

परमार ने मांगा सभी से सहयोग

इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने सदन को चलाने के लिए सभी का सहयोग मांगा। कोरोना संक्रमण पर भी चर्चा की। दिवंगत नेता वीरभद्र ङ्क्षसह व नरेंद्र बरागटा की बात करते हुए कहा कि उन्होंने वर्षों तक सदन की शोभा बढ़ाई। इनकी कमी हमेशा खलेगी। उन्होंने माननीयों से कहा कि वे सदन में नियमों का पालन करें। सवाल उठाना विधायकों का अधिकार हैं, लेकिन कार्यवाही में रचनात्मक सहयोग करें।

बरागटा के रूप में खोया है साथी : जयराम

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि नरेंद्र बरागटा के रूप में उन्होंने एक साथी को और भाजपा ने बड़े नेता को खोया है। उन्होंने कहा कि बरागटा का बागवानी के साथ निकटता का संबंध था। वह बागवानों के बारे में अपनी बात सदन के अंदर और बाहर मजबूती के साथ रखते थे। चंडीगढ़ में दाखिल थे तो मुझे अपने बेटे के मोबाइल फोन से काल किया और बोले कि एक दो दिन में अस्पताल से डिस्चार्ज हो रहा हूं। डिस्चार्ज की डेट भी तय हो गई। फिर अचानक से तबीयत खराब हो गई। आखिरकार उनका दु:खद देहांत हो गया।

आपदा में मारे गए लोगों को दी श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री ने प्राकृतिक आपदा में मारे गए स्थानीय लोगों व पर्यटकों को भी सदन में श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि हिमाचल में बरसात के दिनों की शुरूआत में ही जानमाल की काफी हानि हुई है। कांगड़ा जिले में आई बाढ़ में एक गांव के 11 घर बह गए। दस लोगों की जान चली गईं। किन्नौर के सांगला घाटी में साफ मौसम में चट्टाने खिसकने से एक गाड़ी में बैठे नौ लोगों की मौत हो गई। लाहुल-स्पीति में दस लोग बह गए। इनमें से सात लोगों के शव बरामद किए गए हैं। तीन की तलाश अभी जारी है। उदयपुर घाटी का स्वयं दौरा किया और रेस्क्यू कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने हमीरपुर के विधायक नरेंद्र ठाकुर की माता के निधन पर भी शोक जताया।

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