कुल्‍लू के अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में बारिश ने डाला खलल

अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में इस बार बारिश ने खलल डाल दिया है। गत दिन जहां रिमझिम बारिश की फुहारें बरसी थी वहीं रात से लेकर अभी तक लगातार बारिश हो रही है जिस कारण पूरी कुल्लू घाटी शीतलहर की चपटे में आ गई है।

By Richa RanaEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 01:28 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 01:28 PM (IST)
कुल्‍लू के अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में बारिश ने डाला खलल
अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में इस बार बारिश ने खलल डाल दिया है।

कुल्‍लू, कमलेश वर्मा। देवमहाकुंभ अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में इस बार बारिश ने खलल डाल दिया है। गत दिन जहां रिमझिम बारिश की फुहारें बरसी थी वहीं रात से लेकर अभी तक लगातार बारिश हो रही है जिस कारण पूरी कुल्लू घाटी शीतलहर की चपटे में आ गई है। लगातार हो रही बारिश से ढालपुर में विराजमान देवी देवताओं के अस्थायी शिविरों में रह रहे देवलुओं व हारियानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

अस्थायी शिविरों में बारिश से बचने के लिए प्रशासन की ओर से किसी भी तरह की व्यवस्था नहीं की गई है। देवता नाग धूंबल कमेटी के प्रधान बहादुर सिंह ने बताया कि न ही तो जिला प्रशासन की ओर से देवी देवताओं के लिए टेंट या बारिश से बचने के लिए किसी तरह की व्यवस्था की गई है और न ही इस बार नजराना दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि बारिश के कारण देवी देवताओं के अस्थायी शिविरों के अलावा बजंतरियों के शिविर और रसोई घर के लिए लगाए गए टेंट में पानी आ रहा है। हालांकि सभी अस्थायी शिविरों के बाहर बारिश से बचाव के लिए नालियां बनाई हैं ताकि पानी अंदर न आ सके लेकिन फिर भी बारिश से दिक्कत तो हो ही रही है।

बारिश में भी कम नहीं हुई आस्था

बारिश में भी बखूबी देव परंपराओं का निर्वहन हो रहा है। दो दिनों से हो रही बारिश भी भक्तों का उत्साह कम नहीं कर सकी। सुबह शाम जहां अस्थायी शिविरों में पूजा अर्चना का दौर जारी है वहीं देवी देवताओं के यहां जिला सहित देश-विदेश के पर्यटक आशीर्वाद लेने पहुंच रहे हैं। गत वर्ष जहां कोरोना महामारी के कारण दशहरा उत्सव सूक्ष्म रूप से मनाया गया था जिस कारण मात्र सात ही देवी देवता उत्सव में शामिल हुए थे लेकिन इस बार 332 देवी देवताओं में से करीब 281 देवी देवता दशहरा में पहुंचे हैं।

दो साल बाद धूमधाम से मनाए जा रहे दशहरा उत्सव में इस बार बेशक व्यापारिक गतिविधियां नहीं हो रही हैं जिस कारण उत्सव में पहुंच रहे लोगों को खरीदारी के लिए बाजार की ओर रुख करना पड़ रहा है और महंगे दामों पर सामान खरीदना पड़ रहा है। इस बार देवी देवताओं के शिविरों में लोगों की भीड़ दिख रही है। कोरोना महामारी के बीच देवमहाकुंभ अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव का आयोजन हो रहा है और लोग हर दिन उत्सव में पहुंचकर देवी देवताओं का आशीर्वाद ले रहे हैं।

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