मरीजों से इलाज से लेकर खाने पीने की व्यवस्था पर ली जा रही जानकारी
कोरोना महामारी से संक्रमित मरीज अब ठीक होकर घर जाने से पहले अस्पताल में किस प्रकार की देखभाल की गई इसे लेकर अनुभव साझाा कर सकते हैं। राजधानी के कोरोना समर्पित अस्पताल रिपन में कोरोना से ठीक हुए मरीजों से फीडबैक फार्म भरवाया जा रहा है।
शिमला, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी से संक्रमित मरीज अब ठीक होकर घर जाने से पहले अस्पताल में किस प्रकार की देखभाल की गई, इसे लेकर अनुभव साझाा कर सकते हैं। राजधानी के कोरोना समर्पित अस्पताल रिपन में कोरोना से ठीक हुए मरीजों से फीडबैक फार्म भरवाया जा रहा है।
मरीजों से डिस्चार्ज से पहले यह फार्म भरवाया जाता है। इसमें मरीज से बिस्तर, साफ सफाई, खाने पीने, समय पर दवाइयां, ठंड व गर्मी, डॉक्टरों व स्टाफ के व्यवहार संबंधी आठ सवाल पूछे जाते हैं जिनके उत्तर आगे दिए गए कॉलम में भरने होते हैं। फार्म में स्टाफ की ओर से दी गई देखभाल सहित अस्पताल में सुधार लाने के लिए सुझाव भी मांगे जाते हैं। अस्पताल प्रशासन ने मरीजों को बेहतर सुविधाएं देने के उद्देश्य से यह फीडबैक फार्म बनाया है। अस्पताल एमएस डॉक्टर रङ्क्षवद्र मोक्टा का कहना है कि अस्पताल में मरीजों को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने का प्रयास किया जाता है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में जहां मरीजों के लिए केवल 92 बिस्तर क्षमता थी वह बढ़ाकर 125 कर दी गई है। सीमित स्टाफ के साथ रोजाना सात डॉक्टर दिन रात मरीजों की सेवा में जुटे रहते हैं। कोरोना ड्यूटी देने वाला पूरा स्टाफ अपने घर परिवार से दूर रहकर कर्तव्यनिष्ठा से काम कर रहा है। मरीजों को समय पर दवा सहित भोजन उपलब्ध करवाया जाता है। उनका कहना है कि फीडबैक फार्म भरने वाले मरीजों ने अस्पताल प्रशासन की ओर से दी जा रही सुविधाओं के बारे में साकारात्मक प्रतिक्रियाएं दी हैं जोकि स्टाफ का मनोबल बढ़ाता है।
सीसीटीवी की निगरानी में मरीज
अस्पताल में रोजाना 100 से 120 मरीज दाखिल रहते हैं। अस्पताल के नए भवन की अलग-अलग चार मंजिलों में गंभीर और अति गंभीर अवस्था वाले संक्रमित मरीज दाखिल रहते हैं। हर कमरे में सीसीटीवी की सुविधा है ताकि मरीजों को हर समय निगरानी में रखा जा सके।