इंदौरा के गणित प्रवक्ता मोहन शर्मा का आर्टिकल अंतरराष्ट्रीय जर्नल में हुआ प्रकाशित

इंदौरा के गणित प्रवक्ता मोहन शर्मा का आर्टिकल अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित हुआ है। यह आर्टिकल उन्होंने गणित में लिमिट्स के कंसेप्ट को लेकर विद्यार्थियों द्वारा समझने में आने वाली कठिनाइयों और उनके संभावित उपचार के बारे में सर्वे के माध्यम से एनालिसिस किया था।

By Richa RanaEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 08:18 AM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 08:18 AM (IST)
इंदौरा के गणित प्रवक्ता मोहन शर्मा का आर्टिकल अंतरराष्ट्रीय जर्नल में हुआ प्रकाशित
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मकरोली इंदौरा के गणित प्रवक्ता मोहन शर्मा का आर्टिकल अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

ढांगूपीर, संवाद सूत्र। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मकरोली इंदौरा के गणित प्रवक्ता मोहन शर्मा का आर्टिकल अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित हुआ है। यह आर्टिकल उन्होंने गणित में लिमिट्स के कंसेप्ट को लेकर विद्यार्थियों द्वारा समझने में आने वाली कठिनाइयों और उनके संभावित उपचार के बारे में सर्वे के माध्यम से एनालिसिस किया था। यह कार्य उन्होंने एनसीईआरटी नई दिल्ली के गणित के प्रोफेसर टीपी शर्मा की देखरेख और सुझावों से किया। उनका यह आर्टिकल ग्लोबल जर्नल फॉर रिसर्च एंड एनालिसिस के नवम अंक सितंबर 2021 में पब्लिश हुआ है।

इससे पहले भी उनके फुलब्राइट प्रोग्राम संबंधित अनुभवों के बारे में तीन आर्टिकल अंतरराष्ट्रीय मैगजीन फुलब्राइट डाइजेस्ट यूनाइटेड किंगडम से प्रकाशित हुए हैं उनके इस कार्य के लिए प्रधानाचार्य कुलदीप चंद, एसएमसी प्रधान पुष्पेंद्र पठानिया व प्रवक्ता विनोद जरियाल, मुख्तियार सिंह, संदीप पठानिया, रोहित मनोचा, सुरेंद्र कुमार, सुनीत कुमार, शिवराम, आनंद कुमार, ज्ञानचंद, राजेंद्र देवेंद्र, आरती पठानिया आदि ने बधाई दी है। उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रतिभा इस स्कूल में है, इसके लिए वह बहुत खुश हैं और जो विद्यार्थी उनसे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं उन्हें भी भविष्य में इस तरह के कार्यों में आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा है।

मानव जीवन में शिक्षा व सीखने का क्रम कभी खत्म नहीं होता। इस लिए जब भी मौका मिले, जिससे भी सीखने का अवसर मिले उसे ग्रहण कर लेना चाहिए। मानव जीवन में एक दूसरे से सीखना एक निरंतर प्रक्रिया है और यह ता उम्र चलती रहती है। जो व्यक्ति सीखने का क्रम छोड़ देता है वह व्यक्ति जीवन में अन्यों से पीछे रह जाता है पिछड़ जाता है। इस लिए यह खुशी की बात है इस तरह के अध्यापक इस स्कूल में हैं और यहां के विद्यार्थियों को ऐसा अध्यापक मिला है जिसके पास ऐसा हुनर हैं।

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