इंदौरा के किसानों ने प्राकृतिक खेती की तरफ किया रूख, उगा रहे प्राकृतिक तरीके से फसलें

इंदौरा के किसानों ने सेहत और निरोगी होने के लिए प्राकृतिक खेती करने का जिम्मा उठा लिया है जिसके चलते इंदौरा के किसानों ने प्राकृतिक खेती खुशहाल योजना आत्मा कांगड़ा के सहयोग से किसानों ने प्राकृतिक खेती करना शुरू कर दिया है।

By Richa RanaEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 03:00 PM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 03:00 PM (IST)
इंदौरा के किसानों ने प्राकृतिक खेती की तरफ किया रूख, उगा रहे प्राकृतिक तरीके से फसलें
इंदौरा के किसानों ने सेहत और निरोगी होने के लिए प्राकृतिक खेती करने का जिम्मा उठा लिया है।

भदरोआ, मुकेश सरमाल। इंदौरा के किसानों ने सेहत और निरोगी होने के लिए प्राकृतिक खेती करने का जिम्मा उठा लिया है जिसके चलते इंदौरा के किसानों ने प्राकृतिक खेती खुशहाल योजना आत्मा कांगड़ा के सहयोग से किसानों ने प्राकृतिक खेती करना शुरू कर दिया है। प्राकृतिक खेती करने के लिए यह समूह इंदौरा ब्लॉक के किसानों को जागरूक कर रहा है ताकि लोग यह जहर मुक्त खेती से बचे और स्वच्छ खाद्य पदार्थों को खाएं प्राकृतिक खेती करके स्वच्छ फल सब्जियां उगाएं।

सरकार और इस संस्था की प्रेरणा से विधानसभा इंदौरा के गांव व पंचायत चलोह सुनील दत्त शर्मा पंचायत बलीर के गांव समून के संजय पठानिया पंचायत भदरोआ व गांव भदरोआ के देशराज पठानिया प्राकृतिक खेती कर प्राकृतिक तरीके से फसलें उगा रहे हैं। सुनील दत्त शर्मा तथा संजय पठानिया ने मिलकर 25 कनाल भूमि में प्राकृतिक खेती की है तो वहीं भदरोआ के किसान देशराज पठानिया ने 12 कनाल भूमि में प्राकृतिक खेती कर उपजाया है।

किसानों ने बताया कि हम प्राकृतिक तरीके से खेतों में प्राकृतिक खेती करके हरे मटर, मूली, धनियां , पालक , चन्ना , ओर पांच प्रकार की गेंहूं काली गेहूं, सोनामोती गेंहू , खपली गेहूं , वंशी गेहूं पता गोभी, की फसल को बीजा है। साथ में वे विधानसभा इंदौरा के किसानों को भी प्राकृतिक खेती करने की प्रेरणा दे रहे हैं। उन्होंने कहा इस समय में लोगों को शुद्ध चीजों के सेवन की अति आवश्यकता है जो नहीं मिल रही है। बाजारों में मिलने बाली सब्जियां, फ्रूट ओर आनाज भी जहरीली दवाइयों का प्रयोग कर तैयार की जा रही है जोकि सेहत के लिए अति हानिकारक सिद्ध हो रही है। उन्होंने कहा कि आज के युग में प्राकृतिक खेती की अति आवश्यकता है, ताकि शुद्ध चीजों की उपज कर रोजाना शुद्ध चीजों का सेवन किया जा सके। बीमारियों से बचा जा सके।

यह बोले क्षेत्र के किसान

किसान सुनील दत्त ने बताया कि वह किसी भी प्रकार की कीटनाशक दवाई का प्रयोग खेतों में लगाई फसल पर नहीं करते हैं खेतों में प्रयोग की जाने वाली खाद को गाय के गोबर से तैयार करते हैं के लिए उन्होंने साहीवाल गायों को खरीदा है जिसको खरीदने के लिए सरकार 50 प्रतिशत सब्सिडी भी देती है। भदरोआ के किसान देशराज पठानिया ने कहा कि जमीन किसान की पहचान होती है अच्छा उगाओ अच्छा खिलाओ बुजुर्गों की इसी प्रेरणा के चलते 12 कनाल भूमि में मैं प्राकृतिक खेती कर रहा हूं जिसमें स्वयं तैयार की हुई खाद और कीटनाशक का प्रयोग किया जाता है। समून के किसान संजय पठानिया ने 25 कनाल भूमि में तरह-तरह की फसलों तथा गेहूं को उगाया है । और साथ में ही इंदौरा के किसानों को भी प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है ताकि लोग स्वच्छ उगाएं स्‍वच्‍छ खाएं।

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