Independence Day: हिमाचल में स्‍वतंत्रता दिवस की धूम, 13050 फीट ऊंचे रोहतांग दर्रे पर भी लहराया तिरंगा

Independence Day Himachal हिमाचल प्रदेश में स्‍वतंत्रता दिवस धूमधाम से मनाया गया। भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन की लैब रक्षा भू-सूचना विज्ञान अनुसंधान प्रतिष्ठान के अनुसंधान व विकास केंद्र ने 13050 फीट ऊंचे रोहतांग दर्रे पर तिरंगा फहराया है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Sun, 15 Aug 2021 12:40 PM (IST) Updated:Sun, 15 Aug 2021 12:40 PM (IST)
Independence Day: हिमाचल में स्‍वतंत्रता दिवस की धूम, 13050 फीट ऊंचे रोहतांग दर्रे पर भी लहराया तिरंगा
13050 फीट ऊंचे रोहतांग दर्रे पर तिरंगा फहराया है।

मनाली, जागरण संवाददाता। Independence Day Himachal, हिमाचल प्रदेश में स्‍वतंत्रता दिवस धूमधाम से मनाया गया। भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन की लैब रक्षा भू-सूचना विज्ञान अनुसंधान प्रतिष्ठान के अनुसंधान व विकास केंद्र ने 13050 फीट ऊंचे रोहतांग दर्रे पर तिरंगा फहराया है। उन्होंने दर्रे पर आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया। संस्थान के प्रशासनिक विज्ञानी प्रमुख नीरज शर्मा के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम में स्थानीय नागरिक और पर्यटक मौजूद रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ जन सभा को विषय व कार्यक्रम के बारे में संक्षिप्त जानकारी देकर और ध्वजारोहण कर व राष्ट्रगान गाकर किया गया। आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम की जानकारी जनसमूह को देते हुए जागरूक किया गया कि इस वर्ष राष्ट्र की स्वतंत्रता की  75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।

भारत सरकार ने आजादी का अमृत महोत्सव नाम से विभिन्न कार्यक्रमों को आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। इसी के अंतर्गत जन साधारण के मध्य ये आयोजन कर के पुन: जागरण करना है कि किस प्रकार हमें अपने स्वतंत्रता सेनानियों के सर्वोच्च बलिदानों के फलस्वरूप ही हमें यह आजादी का अमृत प्राप्त हुआ है तथा अभी हमें अपनी स्वतंत्रता को सुरक्षित रखते हुए सदैव देशहित एवं राष्ट्र के सर्वांगीण विकास में सहयोगी व कार्यशील रहना चाहिए। उन्होंने प्रतिष्ठान के नए नामकरण के बारे में भी अवगत करवाया। नया नाम डीजीआरई होने से प्रतिष्ठान के कार्य क्षेत्र में भी विस्तार हुआ है तथा हिम एवं हिमस्खलन के अतिरिक्त भू स्खलन व भू संरचनात्मक अध्ययन में भी संलग्न है।

भारत की उत्तर पश्चिमी दुर्गम और हिमाच्छादित सीमा पर जम्मू कश्मीर, लेह लद्दाख, सियाचेन ग्लेशियर, हिमाचल व उत्तराखंड से लेकर अरुणाचल, सिक्किम व असम आदि पूर्वोत्तर राज्यों तक यह संस्थान अभी कार्यरत है। राष्ट्र की सुरक्षा व स्वतंत्रता के प्रहरियों जैसे भारतीय सेना, सीमा सड़क संगठन, भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल, सीमा सुरक्षा बल, प्रभावित राज्य पुलिस व आपदा प्रबंधन बल और अन्य एनजीओ व प्रभावित नागरिकों को हिम व हिमस्खलन, भूसंरचना व भूस्खलन के प्रति शिक्षित व प्रशिक्षित करते हैं और पूर्वानुमान, चेतावनी बुलेटिन देकर तथा भूसंरचना में सुधार व निर्माण कर सुरक्षित करते हैं।

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