अपराध की बढ़ती घटनाएं शांत राज्य कहे जाने वाले हिमाचल प्रदेश की छवि को पहुंचा रही नुकसान

सोलन जिले के कंडाघाट में सोमवार देर रात दिल्ली के रहने वाले टैक्सी चालक की हथियार से सिर पर वार कर हत्या कर दी गई। यह जांच का विषय है कि टैक्सी चालक यहां कैसे पहुंचा और इस घटना के पीछे किन लोगों का हाथ है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 11:46 AM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 11:46 AM (IST)
अपराध की बढ़ती घटनाएं शांत राज्य कहे जाने वाले हिमाचल प्रदेश की छवि को पहुंचा रही नुकसान
अन्य प्रदेशों से आकर भी यहां अपराध की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है।

शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल प्रदेश के गिनती देश के शांत राज्यों में की जाती है। इसके बावजूद यह भी सच है कि प्रदेश में आपराधिक घटनाओं में वृद्धि हुई है। अपराध के बढ़ते मामले प्रदेश की छवि को क्षति पहुंचा रहे हैं। देवभूमि कहे जाने वाले प्रदेश में हत्या, दुष्कर्म, चोरी व लूट के मामले अब हर दिन सामने आते हैं। आपराधिक घटनाएं प्रदेश की कानून-व्यवस्था को चुनौती दे रही हैं, जिससे लोगों में असुरक्षा की भावना पैदा हो रही है। अन्य प्रदेशों से आकर भी यहां अपराध की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है।

एक ही दिन में दो लोगों की हत्या होने से लोग भयभीत हैं। सोलन जिले के कंडाघाट में सोमवार देर रात दिल्ली के रहने वाले टैक्सी चालक की हथियार से सिर पर वार कर हत्या कर दी गई। यह जांच का विषय है कि टैक्सी चालक यहां कैसे पहुंचा और इस घटना के पीछे किन लोगों का हाथ है। इससे एक बार फिर यह साबित हो गया कि अपराधी हिमाचल को सुरक्षित शरणस्थली मानते हैं और यहां अपराध को अंजाम देकर या देने के लिए पहुंचते रहे हैं। दूसरी हत्या मंडी जिले के जोगेंद्रनगर में हुई। यहां शादी में हुई कहासुनी के बाद कुछ लोगों ने घात लगाकर पत्थरों व डंडों से हमला कर एक युवक की जान ले ली। इस मामले में तीन लोग घायल भी हुए हैं। इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि बाकी आरोपितों की तलाश की जा रही है।

पहाड़ी प्रदेश की संस्कृति से ऐसे मामले मेल नहीं खाते। यहां तो अतिथि को भगवान का दर्जा दिया जाता है। धैर्य की कमी और संवादहीनता भी अपराध का प्रमुख कारण है। अगर शादी में हुए विवाद को गंभीरता से लेकर सुलझाया जाता तो शायद ऐसी घटना नहीं होती। लोगों को समझना होगा कि अपराध की राह पर चलकर कुछ भी हासिल नहीं होगा। इसकी मंजिल जेल की सलाखें ही हैं। विवादों को धैर्य के साथ हल करना सीखना होगा। अन्य राज्यों के अपराधियों से निपटने के लिए वहां की पुलिस के साथ संवाद और जानकारी के आदान-प्रदान की प्रक्रिया को अपनाना होगा ताकि अपराधियों पर नियंत्रण किया जा सके।

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