केस खत्‍म करने के लिए विजिलेंस इंस्‍पेक्‍टर ने ली दी थी 15 हजार रुपये रिश्‍वत, कोर्ट ने सुनाई कड़ी सजा

रिश्वत लेने के दोषी इंस्पेक्टर को शिमला की विशेष अदालत ने दो साल कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने 20 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Wed, 18 Dec 2019 03:53 PM (IST) Updated:Wed, 18 Dec 2019 03:53 PM (IST)
केस खत्‍म करने के लिए विजिलेंस इंस्‍पेक्‍टर ने ली दी थी 15 हजार रुपये रिश्‍वत, कोर्ट ने सुनाई कड़ी सजा
केस खत्‍म करने के लिए विजिलेंस इंस्‍पेक्‍टर ने ली दी थी 15 हजार रुपये रिश्‍वत, कोर्ट ने सुनाई कड़ी सजा

शिमला, जेएनएन। रिश्वत लेने के दोषी इंस्पेक्टर को शिमला की विशेष अदालत ने दो साल कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने 20 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना न भरने की सूरत में दोषी को दो माह अतिरिक्त कारावास काटना होगा। विजिलेंस में तैनात रहे इंस्पेक्टर मालदत्त को रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा था। आठ साल बाद केस में सजा हो गई है। विशेष जज सुशील कुकरेजा की अदालत इंस्पेक्टर मालदत्त के मामले की सुनवाई हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से केस की पैरवी जिला न्यायवादी संदीप अत्री ने की।

अदालत ने दोषी इंस्पेक्टर को भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा-7 के तहत एक साल कारावास और 10 हजार रुपये का जुर्माना तथा धारा 13 (2) के तहत दो साल के कारावास व 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। 13 दिसंबर को अदालत ने इंस्पेक्टर मालदत्त को रिश्वत लेने का दोषी पाया था। इंस्पेक्टर मालदत्त ने एक शिकायत को खत्म करने के लिए 15 हजार रुपये रिश्वत ली थी। पीडि़त ने इसकी शिकायत विजिलेंस से की थी। विजिलेंस ने 2011 में इंस्पेक्टर के खिलाफ मामला दर्ज किया था। तब मालदत्त विजिलेंस थाना नाहन में तैनात था।

अभियोजन पक्ष द्वारा रखे गए तथ्यों के मुताबिक राजगढ़ की एक महिला के खिलाफ विजिलेंस में गलत प्रमाणपत्र बनाने की एक शिकायत की गई थी। हालांकि प्रमाणपत्र बनाने में महिला की कोई गलती नहीं पाई गई। इसमें विभागीय स्तर गलती हुई थी। विजिलेंस की जांच में यह शिकायत सही नहीं पाई गई। इसके बावजूद इंस्पेक्टर मालदत्त ने पीडि़तों पर दवाब बनाकर शिकायत खत्म करने के लिए रिश्वत मांगी। इस पर पीडि़ता के पति विनोद कुमार ने इंस्पेक्टर के खिलाफ विजिलेंस में शिकायत दी।

इसके बाद विनोद कुमार ने इंस्पेक्टर से रिश्वत देने के लिए उसका बैंक खाता नंबर लिया, जिसमें रिश्वत के 15000 रुपये जमा करवाए गए। विनोद कुमार की शिकायत पर विजिलेंस ने शिमला थाना में 2011 में इंस्पेक्टर के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज किया। विजिलेंस ने इस मामले में शिमला की विशेष अदालत में 22 मई 2015 को चालान पेश किया था।

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