आइजीएमसी के डाक्टर वाट्सएप मैसेज से घर बैठे मरीजों को दे रहे सलाह

मरीजों को वाट््सएप के माध्यम से घर बैठे बीमारी संबंधी सलाह मिल रही है। आइजीएमसी के हृदय रोग विशेषज्ञ डाक्टर वाट््सएप ग्रुप स्टेमी केयर के माध्यम से मरीजों से संपर्क करते हैं और आनलाइन भेजी गई रिपोट््र्स के आधार पर जरूरी सलाह प्रदान करते हैं।

By Virender KumarEdited By: Publish:Sat, 02 Oct 2021 06:05 AM (IST) Updated:Sat, 02 Oct 2021 07:35 AM (IST)
आइजीएमसी के डाक्टर वाट्सएप मैसेज से घर बैठे मरीजों को दे रहे सलाह
आइजीएमसी के डाक्टर वाट्सएप मैसेज से घर बैठे मरीजों को सलाह दे रहे हैं। जागरण आर्काइव

शिमला, रामेश्वरी ठाकुर। जिला शिमला में हृदय मरीजों को बड़ी राहत मिली है। मरीजों को वाट््सएप के माध्यम से घर बैठे बीमारी संबंधी सलाह मिल रही है। इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज (आइजीएमसी) के हृदय रोग विशेषज्ञ डाक्टर वाट््सएप ग्रुप स्टेमी केयर के माध्यम से मरीजों से संपर्क करते हैं और आनलाइन भेजी गई रिपोट््र्स के आधार पर जरूरी सलाह प्रदान करते हैं।

इसके तहत शिमला जिले के रोहड़ू, कोटखाई, चौपाल, रामपुर, धामी, जुन्गा, ठियोग और जुब्बल क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग की ओर से विशेष केंद्र स्थापित किए गए हैं जहां आसपास के इलाकों के हृदय रोगियों को ईसीजी की सुविधा मिल रही है। ईसीजी की रिपोर्ट को केंद्र में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मी वाट््सएप ग्रुप में शेयर करते हैं। आइजीएमसी के हृदय रोग विशेषज्ञ डाक्टर मरीजों की रिपोट््र्स का आकलन करने के बाद जरूरी दवाएं लिखते हैं। ऐसे में मरीजों को घर बैठे डाक्टरी सलाह मिल पाती है।

जिले भर के सैकड़ों हृदय रोगियों को यह सुविधा मिल रही है। इससे जहां मरीजों सहित डाक्टरों का समय बच रहा है, वहीं अस्पताल आने व जाने का खर्च भी। आइजीएमसी के हृदय रोग विशेषज्ञ डा. राजीव मरवाह का कहना है कि जिले के मरीजों को घर बैठे इलाज की सुविधा दी जा रही है। वाट््सएप ग्रुप के जरिए रिपोर्ट डाक्टरों तक पहुंचती है और डाक्टर मरीजों को जरूरत के हिसाब से इलाज की प्रक्रिया बताते हैं।

ओपीडी के बाहर जुटी रहती है भीड़

आइजीएमसी में रोजाना सैकड़ों मरीज हृदय रोग संबंधी बीमारियों के इलाज के लिए ओपीडी में पहुंचते हैं। ओपीडी के बाहर सुबह नौ बजे से पहले ही भीड़ लग जाती है। प्रदेशभर के विभिन्न क्षेत्रों से हृदय रोगी आइजीएमसी इलाज के लिए आते हैं। इस स्थिति में ओपीडी के बाहर सुबह से लेकर शाम तक भीड़ बढ़ती रहती है। कई बार डाक्टर ओपीडी के दिन के अलावा भी अपने कक्ष में मरीजों को देखते हैं।

बदलती जीवनशैली समस्या का कारण

डाक्टरों का कहना है कि लोगों की बिगड़ती जीवनशैली हृदय रोगों का बड़ा कारण है। शारीरिक श्रम न के बराबर रह गया है और लोग घर के बने खाने के बजाय बाजार से जंक फूड खाना अधिक पसंद करते हैं। वहीं कामकाज में दिनभर बैठे रहना और व्यायाम न करना कई बीमारियों को बुलावा देता है। लोगों को अपनी जीवनशैली में बदलाव लाने की जरूरत है ताकि वे स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकें। हृदय की बीमारियों की रोकथाम के लिए बीपी, शुगर को नियंत्रित रखना बेहद जरूरी है। निष्क्रिय जीवनशैली, अत्यधिक तनाव, डायबिटीज, धूमपान, मोटापा, वसायुक्त भोजन से दूरी बनाना हृदय रोगों से बचा सकता है।

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