आइजीएमसी प्रशासन ने सरकार को सौंपी लंगर विवाद की रिपोर्ट
इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) में लंगर मामले की रिपोर्ट अस्पताल प्रशासन ने सरकार को सौंप दी है। सरकार ने अस्पताल प्रशासन से तीन दिन पहले रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट में वर्ष 2014 से लेकर लंगर चलाने के संदर्भ में ब्योरा दिया गया है।
शिमला, जागरण संवाददाता। इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) में लंगर मामले की रिपोर्ट अस्पताल प्रशासन ने सरकार को सौंप दी है। सरकार ने अस्पताल प्रशासन से तीन दिन पहले रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट में वर्ष 2014 से लेकर लंगर चलाने के संदर्भ में ब्योरा दिया गया है। आइजीएमसी के प्राचार्य डा. सुरेंद्र ने बताया कि शुक्रवार सुबह सरकार को रिपोर्ट भेज दी है।
अस्पताल प्रशासन का कहना है कि संस्था काफी समय से अवैध कब्जा कर रही है। अस्पताल प्रशासन लंगर के खिलाफ नहीं है लेकिन यह व्यवस्था नियम के अनुसार होनी चाहिए। संस्था को जगह खाली करवाने के लिए कई बार कहा जा चुका है।
एडीएम को सौंपी जांच
सरकार ने मामले की जांच का जिम्मा एडीएम ला एंड आर्डर शिमला राहुल चौहान को सौंपा है। एडीएम 15 दिनों में सरकार को रिपोर्ट सौंपेगे। अस्पताल प्रशासन ने मामले की न्यायिक जांच की मांग की थी। हालांकि अस्पताल में दूसरी संस्था की ओर से चलाया जा रहा लंगर सुचारू रूप से चल रहा है। इस बीच दूसरा लंगर चलाने वाली नोफेल वेल्फेयर संस्था के अध्यक्ष गुरमीत सामने आए हैं।
रिपन में गुरमीत को कैसे मिला स्थान : बॉबी
आलमाइटी ब्लैङ्क्षसग संस्था के अध्यक्ष सर्बजीत ङ्क्षसह बॉबी का कहना है कि रिपन अस्पताल में गुरमीत ङ्क्षसह को क्यों 5000 स्कवेयर फीट का स्थान लंगर चलाने के लिए दिया जा रहा है जबकि वह वहां रोजना लंगर तैयार नहीं करते। इस मामले की सरकार क्यों जांच नहीं करती। वहीं गुरमीत ङ्क्षसह ने आइजीएमसी परिसर में दान के बक्से पिछले दो साल से रखे हैं जबकि लंगर कुछ ही समय से चल रहा है।