खड्डों के चैनलाइजेशन से रोका जा सकता है नुकसान

जागरण संवाददाता धर्मशाला केंद्र सरकार के अधीन महाराष्ट्र स्थित सैंट्रल वाटर एवं पावर

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 08:55 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 08:55 PM (IST)
खड्डों के चैनलाइजेशन से रोका जा सकता है नुकसान
खड्डों के चैनलाइजेशन से रोका जा सकता है नुकसान

जागरण संवाददाता, धर्मशाला : केंद्र सरकार के अधीन महाराष्ट्र स्थित सैंट्रल वाटर एवं पावर रिसर्च स्टेशन ने धर्मशाला की मांझी, मनूणी और चरान खड्डों के चैनलाइजेशन की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को मंजूरी दे दी होती तो बरसात में ऐसी तबाही नहीं होती। अभी भी समय है कि सरकार दोबारा से डीपीआर बनाकर भेजे, ताकि खड्डों का चैनलाइजेशन हो सके। यह बात शुक्रवार को धर्मशाला में जारी बयान में पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस राष्ट्रीय सचिव सुधीर शर्मा ने कही। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग भी की है कि उक्त डीपीआर को रिवाइज कर मंजूरी के लिए फिर भेजा जाए।

उन्होंने कहा कि मांझी खड्ड में आई बाढ़ से हुई तबाही को समय रहते रोका जा सकता था। उनके मंत्री रहते 2015-16 में मांझी, चरान और मनूणी सहित अन्य खड्डों का चैनलाइजेशन करने की योजना बनाई गई थी। संबंधित विभाग के अधिकारियों एवं विशेषज्ञों की देखरेख में 95.34 करोड़ रुपये की डीपीआर बना सैंट्रल वाटर एवं पावर रिसर्च स्टेशन महाराष्ट्र के निदेशक को प्रेषित की गई थी, जिसे अंतिम मंजूरी नहीं दी गई। इन खड्डों के किनारे निवास कर रहे परिवारों के भविष्य को देख यह परियोजना बनाई गई थी। धर्मशाला में यह पहला मौका नहीं है जब बरसात में नुकसान हुआ हो। इससे पहले भी जलशक्ति विभाग, विद्युत विभाग सहित आम लोगों को करोड़ों रुपये का नुकसान हो चुका है। पूर्व में किसी जनप्रतिनिधि ने खड्डों के चैनलाइजेशन की ओर ध्यान नहीं दिया और मौजूदा जनप्रतिनिधि भी इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। हालांकि धर्मशाला में भाजपा के विधायक हैं और सांसद भी। इन जनप्रतिनिधियों को चाहिए कि खड्डों के चैनलाइजेशन की ओर ध्यान दिया जाए ताकि हर वर्ष होने वाले करोड़ों के जानमाल के नुकसान को रोका जा सके।

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