फर्जी डिग्री रोकने के लिए हर छात्र को आइडी नंबर
निजी विश्वविद्यालयों में डिग्री फर्जीवाड़ा रोकने के लिए नियामक आयोग अब सख्त कदम उठाने जा रहा है। निजी विश्वविद्यालयों में दाखिला लेने वाले हर छात्र को आयोग यूआइडी नंबर (यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर) देगा। आयोग हर निजी विश्वविद्यालय के हर छात्र का रिकार्ड मेंटेन करेगा।
शिमला, जागरण संवाददाता। निजी विश्वविद्यालयों में डिग्री फर्जीवाड़ा रोकने के लिए नियामक आयोग अब सख्त कदम उठाने जा रहा है। निजी विश्वविद्यालयों में दाखिला लेने वाले हर छात्र को आयोग यूआइडी नंबर (यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर) देगा। आयोग हर निजी विश्वविद्यालय के हर छात्र का रिकार्ड मेंटेन करेगा। दीक्षा समारोह के दौरान पासआउट छात्रों को डिग्रिया बांटने से पहले आयोग से इसका सत्यापन करवाना होगा। इस दौरान आयोग यह देखेगा कि जिस छात्र को डिग्री दी जा रही है उसने कब दाखिला लिया था, क्या इसकी अटैंडेंडस विश्वविद्यालय में नियमित रही या नहीं।
हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) अतुल कौशिक व सदस्य प्रो. शशिकांत शर्मा लोमेश ने पत्रकारों को बताया कि आनलाइन मैनेजमेंट सिस्टम को भी तैयार किया जा रहा है। इसके लिए सरकार की ओर से बजट अप्रूव हो गया है। इसके तहत निजी विश्वविद्यालयों पर नियामक आयोग की पूरी नजर रहेगी। निजी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों व शिक्षकों की उपस्थिति का पूरा रिकार्ड अब ऑनलाइन रहेगा। निजी एजेंसी को इस सिस्टम को तैयार करने का जिम्मा सौंपा गया है। निजी विश्वविद्यालय में दाखिले, कौन-कौन से कोर्सेज वहां चल रहे हैं, फीस और स्टाफ सहित अन्य सभी तरह की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। उन्होंने बताया कि कोङ्क्षचग सेंटरों द्वारा छात्रों से मनमानी फीस वसूलने की शिकायतें मिल रही है। इनका फीस ढांचा तय नहीं है। इसको लेकर भी अब जांच की जाएगी।
10 नर्सिंग कॉलेज ने नहीं दिया रिकार्ड
हिमाचल में नर्सिंग कालेज की जांच के लिए आयोग विशेषज्ञों की कमेटी गठित करने जा रहा है। आयोग के पास कुछ शिकायतें आई थी। इसके बाद कालेजों से रिकार्ड मांगा गया था। 48 में से 38 कॉलेज ने रिकार्ड दिया है। 10 ने यह रिकार्ड नहीं भेजा है। इनको नोटिस जारी किए जा रहे हैं। यदि यह तय समय पर अपना पक्ष नहीं रखते तो इनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
अयोग्य शिक्षकों पर कार्रवाई में लगेगा एक साल
आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि 56 शिकायतें आई थी, इसमें कहा गया था कि विवि और निजी शिक्षण संस्थानों में अयोग्य फैकेल्टी है। इसकी जांच की गई। अभी तक आई रिपोर्ट के अनुसार 30 से 35 फीसद शिक्षक अयोग्य पाए गए थे। कालेज और विवि ने अपने जवाब में कहा है कि इनमें अयोग्य शिक्षकों को हटा दिया गया है। कुछ की डिग्रियां पूरी होने वाली है। एक साल का समय इस प्रक्रिया में लेगगा।
तीन और छह दिसंबर को होगा आरट्रैक के साथ एमओयू
निजी विश्वविद्यालय में सैन्य अधिकारियों की उच्च शिक्षा के लिए नए कोर्स चलाएगा। तीन दिसंबर को आर्मी ट्रेङ्क्षनग कमांड शिमला और जेपी विवि के बीच एमओयू साइन होगा। चिटकारा विवि में डिफेंस एंड स्ट्रेटेजिक कोर्स चलेंगे। इसका भी एमओयू साइन होगा। 6 दिसंबर को एक और एमओयू साइन किया जाएगा।
संस्थानों की मान्यता होगी रद
आयोग ने निजी विवि और निजी शिक्षण संस्थानों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। 500 के करीब शिक्षण संस्थान हिमाचल में चल रहे हैं। आयोग ने कहा कि जो भी नियमों की अवहेलना करेगा उनकी मान्यता को रद्द किया जाएगा। निजी शिक्षण संस्थानों की जांच की जा रही है। ये कई विवि से मान्यता प्राप्त है। इन संस्थानों को मान्यता देने वाले विवि को कार्रवाई के लिए कहा जा रहा है।