आइस स्केटिंग रिंक पर धूप फेर रही पानी
राजधानी शिमला के आइस स्केटिंग रिंक में बर्फ की पहली परत जमने लगी थी लेकिन दूसरी पर तीसरी परत आयोजकों के पसीने छुड़ा रही है। सुबह व शाम को तापमान काफी कम है। शाम के समय फेंका गया पानी जमता है लेकिन दिन में तापमान बढ़ते ही पिघल जाता है।
शिमला, जागरण संवाददाता। राजधानी शिमला के आइस स्केटिंग रिंक में बर्फ की पहली परत जमने लगी थी, लेकिन दूसरी पर तीसरी परत आयोजकों के पसीने छुड़ा रही है। सुबह व शाम के समय तापमान काफी कम है। शाम के समय फेंका गया पानी जमता है, लेकिन दिन में तापमान बढ़ते ही पिघल जाता है। हर शाम को पहली परत जमाने के लिए फिर से मेहनत करनी पड़ रही है।
शनिवार को भी आइस स्केटिंग रिंक में पानी का छिड़काव किया गया। इसमें बर्फ जमाने का काम प्राकृतिक तरीके से किया जाता है। सुबह व शाम के समय रिंक पर पानी का छिड़काव कर बर्फ जमाई जाती है। दिन के समय आजकल तापमान अधिक होने के कारण बर्फ पिघल रही है। अगर मौसम ने साथ दिया तो अब अगले हफ्ते तक ही आइस स्केटिंग रिंक में स्केटर दौडेंग़े। विंटर सीजन नजदीक आने के साथ आइस स्केटिंग शुरू हो जाती है। इस आइस स्केटिंग का हर साल आयोजन छह दिसंबर से शुरू होता है। इस बार उम्मीद थी कि जल्द ही रिंक में रौनक दिखने लगेगी, लेकिन दिन के बढ़ते तापमान ने इन उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। पिछले साल आइस स्केटिंग रिंक में सुबह व शाम को मिलाकर 86 सेशन हुए थे। शिमला में हर साल आइस स्केङ्क्षटग करवाई जाती है। इसमें हर साल शहर के बच्चे व युवा और बुजुर्ग भाग लेने के लिए आते हैं। इनके अलावा शिमला आने वाले सैलानी भी यहां पर स्केटिंग करते हैं।
आइस स्केटिंग रिंक के पदाधिकारी पंकज प्रभाकर ने कहा कि बर्फ को जमाने का काम शुरू हो गया है। बर्फ की पहली परत जमना शुरू हो गई है। दिन के समय तापमान अधिक होने के कारण बर्फ की परत को टिकाए रखने में समय लग रहा है। अगले सप्ताह तक उम्मीद है कि स्केटर रिंक में स्केटिंग करते हुए दिखेंगे।