एचआरटीसी के पीस मिल कर्मचारियों ने सरकार से लगाई राहत की गुहार, कोरोना का शिकार हुए छह वर्कर्स

HRTC Pice Meal Workers हिमाचल प्रदेश सरकार पीस मिल कर्मचारियों की पुकार को कब सुनेंगी। एचआरटीसी पीस मिल कर्मचारियों को न अनुबंध पर लाया गया है और न ही नियमित किया गया है जिसका खमियाजा यह कर्मचारी व इनके परिवार भुगत रहे हैं।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 10:59 AM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 10:59 AM (IST)
एचआरटीसी के पीस मिल कर्मचारियों ने सरकार से लगाई राहत की गुहार, कोरोना का शिकार हुए छह वर्कर्स
हिमाचल प्रदेश सरकार पीस मिल कर्मचारियों की पुकार को कब सुनेंगी।

धर्मशाला, जागरण संवाददाता। हिमाचल प्रदेश सरकार पीस मिल कर्मचारियों की पुकार को कब सुनेंगी। एचआरटीसी पीस मिल कर्मचारियों को न अनुबंध पर लाया गया है और न ही नियमित किया गया है, जिसका खमियाजा यह कर्मचारी व इनके परिवार भुगत रहे हैं। 900 में से 410 कर्मी नियमित हो चुके हैं। शेष अभी तक न आए, अनुबंध पर न ही नियमित हुए। पांच साल से अधिक समय कई कर्मचारी पूरा कर चुके हैं। प्रदेश में एचआरटीसी के चार डिविजन धर्मशाला, शिमला, हमीपुर व मंडी हैं, इनमें करीब 28 डिपो और दस सब डिपो हैं।

900 कर्मचारी प्रदेश की एचआरटीसी कर्मशालाओं में काम कर रहे हैं। अधिकतर कर्मचारी 45 साल की उम्र पार कर चुके हैं। आइटीआइ होल्डर को पांच साल अनुबंध होता है, नॉन आइटीआइ को छह साल का अनुबंध होता है। लेकिन चार साल बीत जाने के बाद अभी तक सरकार ने कर्मचारियों को अनुबंध में नहीं लिया है। कोरोना काल में भी इन कर्मचारियों ने कार्यशाला में बसों की देखरेख की। इन्हें चलने के लिए सड़क तक पहुंचाया।

परिवहन मंत्री और परिवहन विभाग से कई इन कर्मचारियों के अनुबंध में लाने के लिए आश्वासन मिलते रहते हैं, लेकिन इन कर्मचारियों को अनुबंध पर नहीं किया गया है। काफी कर्मचारी जो है वह अपना पांच साल से ऊपर का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। ड्राइवर कंडक्टर को रोड पर गाड़ी ले जाने से पहले कार्यशाला में यह टेक्नीकल कर्मचारी गाड़ी को ठीक करने का कार्य करते हैं। परिवहन मंत्री बिक्रम ठाकुर से कई बार आग्रह किया और उन्होंने आश्वासन दिया, लेकिन अभी तक इन कर्मचारियों को अनुबंध में लाने की पर कोई प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हो पाई। मासिक वेतन भी इन कर्मचारियों को नाममात्र ही मिलता है। जबकि ड्यूटी का समय पूरा लिए जाता है।

यहां इतने कर्मचारी इतने डिव‍िजन में कर हैं काम

धर्मशाला डिविजन में 300, मंडी डिविजन में 220 के करीब, शिमला में 230 के करीब और हमीरपुर में 200 के करीब कार्य कर रहे हैं।

कोरोना काल में छह पीस मिल कर्मचारियों की हुई मृत्यु

कोरोना काल में अपनी सेवा देते हुए छह पीस मिल कर्मचारी मृत्यु हुई है। न अनुबंध और न ही रेगुलर होना एक अनहोनी बात है, क्योंकि जो मर चुके हैं उनको सरकार की तरफ से कुछ नहीं मिलने वाला है। क्योंकि न यह कर्मचारी अनुबंध में थे और न ही नियमित थे।

इन कर्मचारियों की हुई मौत

पीस मिल कर्मचारियों के प्रधान संजीव कुमार धर्मशाला डिविजन से बताया कि दुख की बात है कि बैजनाथ डिपो से विजय कुमार, बैजनाथ डिपो के सुरजीत, नालागढ़ डिपो से बन्‍नी और नाहन डिपो से निख‍िल व हरदीप, रामपुर डिपो से नरेश बाबा की कोरोना काल में मौत हो गई थी। ऐसे में सरकार से आग्रह है कि इन पांच मृतकों की विधवा पत्नियों को नौकरी दी जाए। सभी कर्मचारियों को अनुबंध में लाने का प्रावधान भी परिवहन विभाग और परिवहन मंत्री जल्द से जल्द करें ताकि कर्मचारियों का भी गुजर बसर हो सके। पांच छह वर्षों की नीति के हिसाब से यह कर्मचारी पहले भी अनुबंध पर हो चुके हैं। वर्तमान में इन कर्मचारियों के उसी नीति पांच-छह आधार पर इनकों अनुबंध में लाने का कार्य होना चाहिए।

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