लंबे अरसे बाद एचआरटीसी के पेंशनर की समय पर मिली पेंशन
हिमाचल पथ परिवहन निगम के कर्मचारियों पेंशनर्स को हड़ताल पर न जाने का बड़ा लाभ हुआ है। लंबे अरसे के बाद पेंशन न केवल समय पर आई है बल्कि इसमें 19 फीसद बढ़ा हुआ डीए व चार फीसद अंतरिम राहत दी है।
शिमला, राज्य ब्यूरो। कोरोना काल के कारण आठ सौ करोड़ से अधिक के आर्थिक संकट से जूझ रहे हिमाचल पथ परिवहन निगम के कर्मचारियों, पेंशनर्स को हड़ताल पर न जाने का बड़ा लाभ हुआ है। लंबे अरसे के बाद पेंशन न केवल समय पर आई है बल्कि इसमें 19 फीसद बढ़ा हुआ डीए व चार फीसद अंतरिम राहत दी है। इससे हर पेंशनर को औसतन दो हजार रूपये का लाभ हुआ है, जबकि कर्मचारियों को 15 फीसद बढ़ा हुआ डीए मिल गया है। कर्मचारियों के वेतन में दो हजार से आठ हजार का इजाफा हो गया है। पहले पेंशनर्स को 140 फीसद डीए मिलता था। अब 159 फीसद हो गया है। यह राज्य सरकार पेंशनर्स के बराबर हो गया है। इसी तरह से निगम कर्मचारियों को अभी 144 फीसद डीए मिल रहा था। अब पंद्रह फीसद बढ़ोत्तरी के साथ यह भी 159 फीसद हो गया है। यह भी राज्य सरकार के नियमित कर्मचारियों के बराबर हो गया है। प्रदेश में कर्मचारियों और पेंशनर्स की संख्या 12 हजार से अधिक हैं।
जेसीसी के साथ हुई वार्ता के वादे पूरे
एचआरटीसी की संयुक्त समन्वय समिति (जेसीसी) के साथ सरकार ने वार्ता की थी। इसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव जेसी शर्मा ने की थी। उन्होंने कर्मचारी नेताओं के साथ बैठक में जिला प्रमुख मांगों को मानने का भरोसा दिया था, अब वे पूरी हो गई हैं। हाल ही में जेसीसी ने एक दिन की हड़ताल करने का ऐलान किया था। हड़ताल आरंभ से तीन घंटे पहले जेसी शर्मा ने मामला सुलझाया। उन्होंने कर्मचारी नेताओं को वार्ता के लिए बुलाया था। संवाद के सहारे हड़ताल टल गई थी। हालांकि अब उपचुनाव में नतीजे सत्ताधारी दल के पक्ष में नहीं आए हैं, लेकिन तब हड़ताल होती तो भाजपा को वोट का और नुकसान हो सकता था।
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राज्य सरकार ने डीए की प्रमुख मांग को मान लिया है। इसके लिए मुख्यमंत्री, एसीएस जेसी शर्मा के आभारी हैं। पेंशनर्स ने भी आंदोलन की चेतावनी दी थी। उनका डीए भी बढ़ गया है।
-खेमेन्द्र गुप्ता, सचिव, संयुक्त समन्वय समिति।