घाटे में चल रहे एचआरटीसी प्रबंधन को भारत बंद से हुआ एक करोड़ का नुकसान, 550 बस रूट हुए प्रभावित

Bharat Bandh Effect कृषि कानून के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा और संयुक्त किसान मंच के आह्वान पर देशव्यापी बंद का असर हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के साढ़े पांच सौ रूट प्रभावित हुए हैं। इनमें अधिकांश इंटरस्टेट रूट हैं।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 07:50 AM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 07:50 AM (IST)
घाटे में चल रहे एचआरटीसी प्रबंधन को भारत बंद से हुआ एक करोड़ का नुकसान, 550 बस रूट हुए प्रभावित
हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के साढ़े पांच सौ रूट प्रभावित हुए हैं।

शिमला, राज्य ब्यूरो। Bharat Bandh Effect, कृषि कानून के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा और संयुक्त किसान मंच के आह्वान पर देशव्यापी बंद का असर हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के साढ़े पांच सौ रूट प्रभावित हुए हैं। इनमें अधिकांश इंटरस्टेट रूट हैं। इससे निगम को एक ही दिन में करीब एक करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा। चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, देहरादून आदि शहरों के लिए जाने वाली बसों को प्रदेश के बार्डर पर ही खड़ा किया गया। सुबह से ही इन बसों को सड़कों के किनारे खड़ा किया गया, ताकि प्रदर्शनकारी इन्हें कोई नुकसान न पहुंचा सके। शाम चार बजे से रूट बहाल होने आरंभ हुए। बसें बंद होने से चंडीगढ़, पंजाब और दिल्ली जाने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

कोरोना काल में आठ सौ करोड़ का घाटा

एचआरटीसी को कोरोना काल में आठ सौ करोड़ का घाटा पहुंचा है। अब भी प्रदेश और प्रदेश के बाहर 2200 बस सेवाएं ही चलाई जा रही है, जबकि बसों की संख्या 3300 है। ज्यादातर लाभ के रूट अन्य राज्यों के ही है। इनमें निगम को प्रतिदिन करीब ढाई करोड़ तक की आमदन होती है।

क्‍या कहते हैं मंडलीय प्रबंधक

मंडलीय प्रबंधक शिमला दलजीत सिंह ने कहा शिमला से अन्य राज्यों के लिए जाने वाली बसों को परवाणु में खड़ा किया गया था। इससे रूट प्रभावित हुए, लेकिन शाम चार बजे से सारे रूट बहाल हो गए। बसों का संचालन अब पूरी तरह से सामान्य हो गया है।

हिमाचल में बंद का आंशिक असर

कृषि कानून के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा और संयुक्त किसान मंच के बंद का राज्य में मिलाजुला असर देखने को मिला। सभी जिला मुख्यालयों पर किसान-बागवानों ने धरना प्रदर्शन किया। कई स्थानों पर चक्का जाम किया गया। कई जगह बाजार भी कुछ देर के लिए बंद रहे। किन्नौर में टापरी फल मंडी को दोपहर तक बंद रखा गया। वहीं, शिमला के विक्ट्री टनल के पास भी चक्का जाम किया गया। ठियोग में तीन घंटे तक चक्का जाम किया गया। ऊना के एमसी पार्क से लेकर बचत भवन तक किसानों ने रोष रैली निकाली।

जिला सोलन में सोलन शहर, धर्मपुर, कुनिहार सहित बीबीएन, नालागढ़ में प्रदर्शन किया गया और चक्का जाम रहा। यहां सुबह के समय दुकानें बंद रहीं, लेकिन दोपहर बाद खुल गईं। जिलेभर में धरना-प्रदर्शन किया गया। ऊना में  बाजार खुले रहे, लेकिन पंजाब जाने वाले सभी वाहनों की आवाजाही बाधित रही। जिला मुख्यालय में किसान सभा ने प्रदर्शन किया। हमीरपुर के मुख्य बाजार से होते हुए गांधी चौक तक किसान संगठनों ने रैली निकाली। बिलासपुर में स्वारघाट बस अड्डा चौक पर करीब डेढ़ घंटा धरना-प्रदर्शन और चक्का जाम किया गया।

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