ऊना में भी बसें खड़ी कर हड़ताल पर गए एचआरटीसी कर्मचारी, निजी बसों की अड्डे पर एंट्री की बंद
शिमला में एचआरटीसी आरएम के तबादले के विरोध की चिंगारी ऊना आइएसबीटी में सुलग गई। तबादले को गलत ठहराते हुए जहां पर बस चालकों सहित परिचालकों ने हड़ताल कर दी। जिससे सभी रूट प्रभावित हुए हैं। बस रूट बंद होने के चलते यात्रियों को समस्याओं का सामना करना पड़ा।
ऊना, संवाद सहयोगी। HRTC Employee Union, शिमला में एचआरटीसी आरएम के तबादले के विरोध की चिंगारी ऊना आइएसबीटी में सुलग गई। तबादले को गलत ठहराते हुए जहां पर बस चालकों सहित परिचालकों ने हड़ताल कर दी। जिससे सभी रूट प्रभावित हुए हैं। बस रूट बंद होने के चलते यात्रियों को समस्याओं का सामना करना पड़ा। कर्मचारी यूनियन ने निजी बसों को भी अड्डे में दाखिल नहीं होने दिया। इस कारण सड़क पर जाम की स्थिति बन गई। आइएसबीटी ऊना में यात्रियों ने हड़ताल कर आरएम शिमला के तबादले का सरासर गलत करार दिया। कहा कि निजी बस ऑपरेटर्स के कहने पर आरएम का तबादला राजनीतिक धौंस का परिचायक है। इसे सरासर बर्दाशत नहीं किया जाएगा। सरकार इसे तत्काल प्रभाव से रद करे।
सुबह यूनियन के आह्ववान पर एचआरटीसी चालकों एवं परिचालकों ने हड़ताल कर बस रूट आगे लेकर जाने से मना कर दिया। हड़ताल में शामिल चालकों सहित परिचालकों ने बताया कि निजी बस एवं एचआरटीसी बसों के रूट को लेकर आरएम शिमला ने निजी बस ऑपरेटर्स से मात्र टाइम टेबल को सही करने करने की गुजारिश की। जिस पर कुछ निजी बस ऑपरेटर्स ने अपनी राजनीतिक धौंस दिखाते हुए उनके तबादले के लिए प्रेशर बनाया।
ऐसी मनमानी किसी भी स्तर पर बर्दाशत नहीं की जाएगी। तबादले को रद करना चाहिए। इस प्रकार से सरकारी
कर्मचारियों का काम करना भी मुश्किलों भरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जब तक तबादले को रद नहीं किया जाता तब तक बस सुविधा बहाल नहीं की जाएगी। एचआरटीसी बसों के प्रभावित होने से यात्रियों को प्रवेश द्वार सहित आसपास बैठ कर निजी वाहनों सहित निजी बस सर्विस का सहार लेना पड़ा। हड़ताल के बीच ऊना की सड़कों पर वाहनों के जाम की स्थिति भी बनी रही। आरएम सुरेश कुमार धीमान ने बताया कि चालकों एवं परिचालकों द्वारा हड़ताल की गई है, जिससे काफी रूट प्रभावित हुए हैं।
उधर, निजी बस आपरेटर्स के प्रदेश अध्यक्ष राजेश पराशर ने बताया निजी बस ऑपरेटर यात्रियों की सुविधा के लिए बसें चला रहे हैं। लेकिन एसआरटीसी चालक परिचालकों की हड़ताल के चलते निजी बसों को अड्डा में प्रवेश नही करने दिया गया। इन्होंने कानून अपने हाथ में लिया है, इन पर कार्रवाई होनी चाहिए।