अरसे से लंबित मामलों के कारण दबाव में एचआरटीसी चालक-परिचालक, परेशानी में वाहन चलाना खतरे से खालीनहीं

हिमाचल पथ परिवहन निगम के चालकों-परिचालकों के खिलाफ लंबित मामले 15 दिन में निपटाए जाएंगे।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Tue, 18 Feb 2020 03:54 PM (IST) Updated:Wed, 19 Feb 2020 10:30 AM (IST)
अरसे से लंबित मामलों के कारण दबाव में एचआरटीसी चालक-परिचालक, परेशानी में वाहन चलाना खतरे से खालीनहीं
अरसे से लंबित मामलों के कारण दबाव में एचआरटीसी चालक-परिचालक, परेशानी में वाहन चलाना खतरे से खालीनहीं

धर्मशाला, जागरण संवाददाता। हिमाचल पथ परिवहन निगम के चालकों-परिचालकों के खिलाफ लंबित मामले 15 दिन में निपटाए जाएंगे। इस संबंध में निगम के प्रबंधक निदेशक ने दूसरी बार आदेश दिए हैं। ऐसा न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। मामला अक्टूबर 2019 का है। मामलों से परेशान एचआरटीसी के कर्मचारियों ने अपनी बात मुख्य कार्यालय शिमला तक पहुंचाई। इस पर 16 अक्टूबर, 2019 को जारी पत्र में एमडी यूनुस खान ने मंडलीय प्रबंधकों और क्षेत्रीय प्रबंधकों को आदेश दिए कि कर्मचारियों पर लंबित मामले 20 दिन में हल किए जाएं।

धर्मशाला मंडलीय प्रबंधक ने भी इन आदेशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए 19 अक्टूबर को क्षेत्रीय प्रबंधकों को पत्र लिखा। पर धर्मशाला सहित कुछ डिपो ने मामले हल नहीं किए। इस पत्र के जारी होने के एक माह बाद धर्मशाला डिपो में अंडर रूल-14 के 10 और अंडर रूल-16 के 70 से ऊपर मामले लंबित थे। करीब 15 मामले दो साल से अधिक पुराने बताए जाते हैं।

क्या है अंडर-14 एवं अंडर-16 रूल

जब कर्मचारी या अधिकारी सरकार द्वारा तय नियमों का पालन नहीं करता है तो उसके विरुद्ध सीसीएस (सीसीएंडए) रूल्स-1965 के तहत सजा देने का प्रावधान है। इन नियमों के तहत सक्षम अधिकारी विभागीय कार्रवाई करता है।

न वेतनवृद्धि, न होती है पदोन्नति

अंडर रूल-14 एवं 16 के मामले लंबित होने पर कर्मचारियों की सेवाओं पर असर पड़ता है। इससे वेतनवृद्धि रोक दी जाती है। कर्मचारी की पदोन्नति भी नहीं होती।

केस स्टडी

पिछले सप्ताह कांगड़ा में बस चलाते जिस चालक को दौरा पड़ा था, उस चालक किकर सिंह का कहना है कि उन्हें चौथी बार दौरा पड़ा है। वह बीपी, शुगर और हार्ट के मरीज हैं, पत्नी भी बीमार रहती हैं। एक बार बीमारी के कारण ड्यूटी पर नहीं पहुंच पाए तो उन्हें चार्जशीट कर दिया गया और चार दिन का वेतन काट लिया जबकि उनके 286 तो रविवार ही बचते हैं। छोटे-छोटे कारणों से मामले बनाकर वेतन रोक दिया जाता है, इससे चालक-परिचालक बहुत परेशान हैं।

क्‍या कहते हैं कर्मचारी नेता व अधिकारी निगम के कई अधिकारी चालकों-परिचालकों के खिलाफ लंबित मामलों की आड़ में मनमानी कर रहे हैं। चालकों-परिचालकों से घर का सामान तक मंगवा रहे हैं। ऐसे अधिकारी मुख्य कार्लायल के आदेशों का पालन नहीं कर रहे। यह मामला सरकार से उठाया जाएगा। -शंकर सिंह ठाकुर, प्रदेश अध्यक्ष, हिमाचल परिवहन मजदूर संघ। धर्मशाला डिपो में ऐसे कितने मामले लंबित हैं, इसको लेकर रिकॉर्ड देखकर ही कहा जा सकता है। यह पत्र प्रबंध निदेशक ने जारी किया है, ऐसे में वही इस मामले में ज्यादा बता सकते हैं। -पंकज चड्ढा, क्षेत्रीय प्रबंधक धर्मशाला। सभी लंबित मामले निपटाने के लिए फिर आदेश दिए हैं और मामले 15 दिन में हल करने को कहा है। जो भी अधिकारी ऐसा नहीं करेंगे, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। -यूनुस खान, प्रबंधक निदेशक, परिवहन निगम, शिमला

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