कर लें इंतजाम, हिमाचल में 18 अक्टूबर को नहीं चलेंगी एचआरटीसी की बसें
प्रदेश में हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की बसें 18 अक्टूबर को नहीं चलेंगी। इसकी वजह यह है कि उस दिन कर्मचारी और पेंशनर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन पर रहेंगे। वे एक दिन काम छोड़ो आंदोलन चलाएंगे।
शिमला, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की बसें 18 अक्टूबर को नहीं चलेंगी। इसकी वजह यह है कि उस दिन कर्मचारी और पेंशनर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन पर रहेंगे। वे एक दिन काम छोड़ो आंदोलन चलाएंगे। प्रदेश में सेवारत कर्मचारियों और पेंशनरों की संख्या 12 हजार के आसपास हैं। अगर मांगें नहीं मानी गई तो आंदोलन तेज करेंगे।
इस संबंध में हिमाचल परिवहन कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति के अध्यक्ष प्यार ङ्क्षसह ठाकुर ने बुधवार को आरोप लगाया कि एचआरटीसी प्रबंधन कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि वित्तीय लाभों की अदायगी करने के लिए परिवहन कर्मचारी पिछले दो माह से आंदोलन कर रहे हैं।
582 करोड़ की देनदारी लंबित
निगम कर्मचारियों एवं पेंशनरों की लगभग 582 करोड़ रुपये के वित्तीय लाभ की देनदारी वर्षों से लंबित है। यह लगातार बढ़ रही है। इस तरह के वित्तीय लाभ अन्य विभागों के कर्मचारियों को बहुत पहले जारी हो चुके हैं। लेकिन निगम में यह एक प्रथा बन चुकी है कि बिना आंदोलन किए वित्तीय लाभ नहीं दिए जाते।
नहीं हुआ आंदोलन
प्यार सिंह ने कहा कि पिछले पौने चार साल से कर्मचारियों ने कोई भी आंदोलन नहीं किया और बिना मांगे प्रबंधन व सरकार कर्मचारियों के कोई भी वित्तीय लाभ नहीं देती। यही वजह रही है कि अब तक कर्मचारियों को लगभग 582 करोड़ रुपये की वित्तीय देनदारी लंबित हो चुकी है। इस मौके पर सचिव खेमेन्द्र गुप्ता, प्रवक्ता संजय कुमार, कोषाध्यक्ष जगदीश चंद सहित हरीश पराशर, टेक चन्द, विनोद कुमार, मिलाप चंद, बाल कृष्ण, पदम ङ्क्षसह आदि भी मौजूद रहे।
ये हैं मांगें
एचआरटीसी के कर्मचारी जनवरी 2016 से 13 फीसद अंतरिम राहत, जनवरी 2019 से चार फीसद डीए, पांच फीसद जुलाई 2019 से और छह फीसद, जुलाई 2021 से डीए, कुल डीए 15 फीसद, 35 महीने का रात्रि ओवरटाइम, पेंशन, ग्रेच्युटी, लीव इन्कैशमेंट, जीपीएफ, मेडिकल रिइम्बर्समेंट सहित कई प्रकार के एरियर आदि जारी करने की मांग कर रहे हैं।