तीन वर्ष अनुबंध कार्यकाल पूरा कर चुके वरिष्ठ रेजिडेंट, ट्यूटर डाक्टरों को तुरंत नियमित करने के आदेश

हाईकोर्ट ने प्रदेश के चार मेडिकल कालेजों में तीन वर्षों का अनुबंध कार्यकाल पूरा करने वाले वरिष्ठ रेजिडेंट/ट््यूटर डाक्टरों को तुरंत नियमित करने के आदेश जारी किए हैं। डाक्टर रेजिडेंट पालिसी के क्लाज 7.4 को मनमाना और अन्यायपूर्ण भी घोषित कर रद कर दिया।

By Virender KumarEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 07:43 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 07:43 PM (IST)
तीन वर्ष अनुबंध कार्यकाल पूरा कर चुके वरिष्ठ रेजिडेंट, ट्यूटर डाक्टरों को तुरंत नियमित करने के आदेश
तीन वर्ष अनुबंध कार्यकाल पूरा कर चुके वरिष्ठ रेजिडेंट, ट्यूटर डाक्टरों को तुरंत नियमित करने के आदेश। जागरण आर्काइव

शिमला, विधि संवाददाता। हाईकोर्ट ने प्रदेश के चार मेडिकल कालेजों में तीन वर्षों का अनुबंध कार्यकाल पूरा करने वाले वरिष्ठ रेजिडेंट/ट््यूटर डाक्टरों को तुरंत नियमित करने के आदेश जारी किए हैं। न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर व न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने डाक्टर रेजिडेंट पालिसी के क्लाज 7.4 को मनमाना और अन्यायपूर्ण भी घोषित कर रद कर दिया। इसके परिणामस्वरूप सरकार को निर्देश दिया कि वे याचिकाकर्ताओं को उन्हीं मेडिकल कालेजों में वरिष्ठ रेजिडेंट / ट््यूटर विशेषज्ञ के रूप में सेवा जारी रखने की अनुमति दें जहां वे नियुक्त हुए थे।

याचिकाओं में दिए तथ्यों के अनुसार, वर्ष 2016 में हिमाचल प्रदेश सरकार ने मेडिकल कालेज नाहन, मेडिकल कालेज मंडी, मेडिकल कालेज चंबा और मेडिकल कालेज हमीरपुर को खोलने का फैसला किया। इन कालेजों के लिए विज्ञापन के माध्यम से विभिन्न विशिष्टताओं में रेजिडेंट डाक्टरों के चयन के लिए उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए गए थे। शुरू में यह नियुक्तियां केवल छह माह के लिए की गई थी। विज्ञापन में यह विशेष रूप से निर्धारित किया गया था कि वरिष्ठ रेजिडेंसी के कार्यकाल को प्रदर्शन के अनुसार तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है। सभी याचिकाकर्ताओं ने आवेदन किया और साक्षात्कार में भाग लिया और उन्हें संबंधित क्षेत्रों में सफल घोषित किया गया।

10 अप्रैल 2017 को जारी पत्र द्वारा सरकार ने याचिकाकर्ताओं को उनकी योग्यता के अनुसार विभिन्न विशिष्टताओं में ट््यूटर के रूप में नियुक्त करने की स्वीकृति दी। हालांकि याचिकाकर्ताओं की नियुक्ति शुरू में छह महीने के लिए थी, लेकिन बाद में साल दर साल इसका नवीनीकरण होता रहा। सरकार द्वारा तैयार की गई नियमितीकरण नीति के अनुसार यदि कोई अनुबंध पर नियुक्त व्यक्ति, जिसने तीन साल की निरंतर सेवा पूरी कर ली है, वरिष्ठता के आधार पर उसे नियमित किया जाएगा। याचिकाकर्ताओं ने भी अपने लिए इस नियमितीकरण नीति का लाभ देने की मांग की थी।

राज्य सरकार का तर्क था कि विचाराधीन पद से जुड़ी प्रकृति और जिम्मेदारी को ध्यान में रखते हुए नियमितीकरण का लाभ याचिकाकर्ताओं को नहीं दिया जा सकता। राज्य सरकार ने तर्क दिया कि सरकार द्वारा समय-समय पर बनाई गई नियमितीकरण नीति चिकित्सा शिक्षा विभाग पर लागू नहीं होती है। सरकार की इस दलील को न्यायालय ने पूरी तरह से खारिज कर दिया।

क्या है पालिसी का क्लाज 7.4

रेजिडेंट डाक्टर पालिसी के क्लाज 7.4 के अनुसार किसी विशेष सरकारी मेडिकल कालेज में सीनियर रेजिडेंट / ट््यूटर स्पेशलिस्ट के रूप में किसी भी उम्मीदवार के लिए दोबारा कार्यकाल नहीं होगा। क्लाज 7.4.2 में प्रविधान है कि एक सीनियर रेजिडेंट, जिसने एक विशेषता में अपना कार्यकाल पूरा कर लिया है वह संबंधित सुपर स्पेशियलिटी विभाग में वरिष्ठ रेजिडेंसी के लिए पात्र होंगे, बशर्ते कि ऐसे उम्मीदवारों को अर्जित अंकों के बावजूद योग्यता प्राप्त करते समय नए उम्मीदवारों से नीचे रखा जाएगा। न्यायालय ने पालिसी के क्लाज 7.4 को मनमाना और अन्यायपूर्ण मानते हुए खारिज कर दिया।

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