Himachal Weather Update: प्रदेश में जल्‍द ही तेवर बदलेगा मौसम, इस दिन पहुंच सकता है प्री मानसून

Himachal Weather Update हिमाचल प्रदेश में जल्‍द ही प्री मानसून की बारिश शुरू हो जाएंगी। मौसम विभाग के ताजा पूर्वानुमान के अनुसार 11 जून से पश्चिमी विक्षोभ एक बार फिर सक्रिय होगा और 15 जून तक इसका असर रहेगा।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Mon, 07 Jun 2021 08:06 AM (IST) Updated:Mon, 07 Jun 2021 08:06 AM (IST)
Himachal Weather Update: प्रदेश में जल्‍द ही तेवर बदलेगा मौसम, इस दिन पहुंच सकता है प्री मानसून
हिमाचल प्रदेश में जल्‍द ही प्री मानसून की बारिश शुरू हो जाएंगी।

धर्मशाला, शिमला, जेएनएन। Himachal Weather Update, हिमाचल प्रदेश में जल्‍द ही प्री मानसून की बारिश शुरू हो जाएंगी। मौसम विभाग के ताजा पूर्वानुमान के अनुसार 11 जून से पश्चिमी विक्षोभ एक बार फिर सक्रिय होगा और 15 जून तक इसका असर रहेगा। इस दौरान प्रदेश के अधिकतर स्थानों पर बारिश और ओलावृष्टि होने की संभावना है। 11 जून तक मौसम साफ रहने की संभावना है। हालांकि सोमवार सुबह की शुरुआत बादलों के साथ हुई है। ऐसे में कुछ इलाकों में बारिश हो सकती है।

प्रदेश में रविवार को मौसम साफ रहने की संभावना के बीच शिमला में हल्की बारिश हुई। शिमला में करीब पांच मिलीमीटर और शिमला के बाघी में 19 मिलीमीटर बारिश हुई। रविवार को सुबह धूप खिलने के बाद दोपहर बाद बादल छा गए और शिमला के अलावा सोलन में भी हल्की बारिश हुई, जबकि अन्य क्षेत्रों में धूप खिली रही। प्रदेश में ऊना में सबसे अधिक 37.8 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। शिमला और सोलन के अलावा बाकी क्षेत्रों में अधिकतम तापमान में दो डिग्री तक की वृद्धि दर्ज की गई है।

कहां कितना रहा तापमान (डिग्री सेल्सियस)

स्थान, न्यूनतम, अधिकतम शिमला, 1 6.4, 25.2 सुंदरनगर, 16.8, 35.3 भुंतर, 13.8, 34.7 कल्पा, 8.8, 24.2 धर्मशाला, 17.6, 27.6 ऊना, 21.6, 37.8 नाहन, 22.1, 31.8 केलंग, 8.2, 20.7

सराज में ओलावृष्टि से टमाटर  व मटर की फसल को नुकसान

थुनाग। सराजघाटी में रविवार को बारिश और ओलावृष्टि से नगदी फसलों को नुकसान हुआ है। घाटी के बगलियारा थुनाग, गाजणू, थुआधार, जंजैहली, ढनयार में दो से तीन इंच ओलावृष्टि हुई है। यहां सेब टमाटर, मटर, सहित गुठलीदार फलों की फसल प्रभावित हुई है। सराजघाटी के जंजैहली, थुनाग, शिल्हीबागी, लंबाथाच के उलीनाल, कांडा, नवाणी, थनुटा, गुलाच, भाटकीधार, कटारू, रकचूई, चैंडी, जरोल सहित समूचे क्षेत्र में सेब, मटर और अन्य फसलें प्रभावित हुई हैं। मई में हुई ओलावृष्टि से सराजघाटी में सेब की लगभग 70 फीसद फसल खत्म हो गई है। बगलियारा में बारिश और ओलावृष्टि से तैयार हुई गेहूं की कटाई का काम भी प्रभावित हुआ है। बागवानी विभाग के एचडीओ संजय भारद्वाज ने कहा कि ओलावृष्टि से सराज में सेब सहित अन्य फसलें व सबसे ज्यादा सेब की फसल प्रभावित हुई हैं।

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