Himachal By Election: दीपावली के बाद विधानसभा उपचुनाव होने की संभावना, छह माह की अवध‍ि‍ पूरी

Himachal By Election हिमाचल प्रदेश में तीन विधानसभा सीटों पर दीपावली के बाद उपचुनाव होने की संभावना है। जबकि मंडी लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव की संभावना कम है। कांगड़ा जिला की फतेहपुर विधानसभा व मंडी लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव की छह माह की अवधि हो चुकी है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 09:28 AM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 09:28 AM (IST)
Himachal By Election: दीपावली के बाद विधानसभा उपचुनाव होने की संभावना, छह माह की अवध‍ि‍ पूरी
हिमाचल प्रदेश में तीन विधानसभा सीटों पर दीपावली के बाद उपचुनाव होने की संभावना है।

शिमला, राज्य ब्यूरो। Himachal By Election, हिमाचल प्रदेश में तीन विधानसभा सीटों पर दीपावली के बाद उपचुनाव होने की संभावना है। जबकि मंडी लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव की संभावना कम है। कांगड़ा जिला की फतेहपुर विधानसभा व मंडी लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव की छह माह की अवधि हो चुकी है। इसके अतिरिक्त अर्की विधानसभा सीट पर जनवरी व जुब्बल-कोटखाई में दिसंबर में छह माह की अवधि पूरी होनी है। केंद्रीय चुनाव आयोग ने त्योहारी सीजन तक उपचुनाव स्थगित किए हैं  राज्य चुनाव विभाग ने उपचुनाव की तैयारियां पूरी कर ली थी। आयोग और विभाग के बीच में चुनाव संबंधी कोई बैठक फिलहाल संभावित नहीं है।

ऐसी परिस्थितियों में उपचुनाव को लेकर असमंजस की स्थिति बरकरार है। अधिसूचना जारी होने के 28 दिनों के भीतर उपचुनाव हो सकते हैं। ऐसे में प्रदेश के राजनीतिक दलों को उम्मीद है कि त्योहारी सीजन के बाद नवंबर व दिसंबर में उपचुनाव हो सकते हैं। राज्य चुनाव अधिकारी सी पालरासू का कहना है कि केंद्रीय चुनाव आयोग ही इस संबंध में निर्णय लेगा। इस बारे में नवंबर में स्थिति स्पष्ट होगी।

हिमाचल के तीन विधानसभा क्षेत्र फतेहपुर, जुब्‍बल कोटखाई व अर्की में उपचुनाव प्रस्‍तावित है, जबकि मंडी संसदीय क्षेत्र से सांसद रामस्‍वरूप शर्मा के निधन के कारण यहां भी उपचुनाव होना है।

रामलाल के निधन के बाद नहीं हुए थे चुनाव

1951 के जन प्रतिनिधि कानून के प्रविधान के तहत 7 जनवरी, 2022 से पहले उपचुनाव न होने की स्थिति में चुनाव टल भी सकते हैं। 1951 के जन प्रतिनिधि कानून की धारा 124 के तहत विधानसभा के पहले सत्र व पांच साल के कार्याकाल में एक वर्ष से कम समय का अंतर होने की स्थिति में चुनाव टाले भी जा सकते हैं। ऐसा प्रदेश में राम लाल ठाकुर की असामयिक मृत्यु होने की वजह से एक बार हो भी चुका है। इस बारे कानून में निर्वाचन आयोग को विशेष शक्तियां प्राप्त हैं।

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